/sootr/media/media_files/UN2TitggCYoTfumW6tTT.jpg)
/sootr/media/media_files/yKzTUqXeisyKZFeUTyiV.jpeg)
15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मिडिल क्लास मछुआरे के घर में अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। कलाम ने एयरफोर्स में पायलट बनने के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, लेकिन सिर्फ एक रैंक कम होने की वजह से रिजेक्ट कर दिए गए।
/sootr/media/media_files/f9df9hVMnqc1diTdw8e5.jpeg)
कलाम 29 की उम्र में DRDO और 38 में ISRO के वैज्ञानिक बने। इसके बाद भारत की पहली मिसाइल ‘अग्नि’ बनाई, न्यूक्लियर टेस्ट में बड़ी जिम्मेदारी निभाई और फिर 2002 से 2007 तक वे भारत के राष्ट्रपति रहे। बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम को 1997 में भारत रत्न से नवाजा गया था।
/sootr/media/media_files/u4i6XoVSCYDSsgyfv8YI.jpeg)
15 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 15 अक्टूबर को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
/sootr/media/media_files/5sVp8WzBKRjkJayQWvX7.jpg)
कलाम को उनकी उपलब्धियों के लिए याद किया और सराहा जाता है, लेकिन कामयाबी के इस सफर में खुद कलाम नाकामियों को कभी नहीं भूले। निराशा से वे जल्दी ही उबरे। सोच में बदलाव और नई तैयारियों के जरिए उन्होंने इसे सफलता में बदला।
/sootr/media/media_files/IzCT1CjEDkzT3EBjp80o.jpg)
अपनी आत्मकथा में डॉक्टर कलाम ने लिखा, मैं SLV- 3 सेटेलाइट लांच व्हीकल तथा पहली स्वदेशी मिसाइल ‘अग्नि’ की प्रोजेक्ट टीम का मुखिया था। सरकार और जनता ने हमसे बहुत आशाएं लगा रखी थीं। काम पर मीडिया की भी पैनी नजर थी। SLV पहले ही चरण में असफल रहा। अग्नि का परीक्षण भी कठिन दौर में था।
/sootr/media/media_files/6yAs3I4u4E5zNeOsrlFg.jpeg)
क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक परीक्षण के दौरान एक मौके पर कलाम की जान खतरे में पड़ी थी, तब उन्हें सहयोगी सुधाकर ने अपनी जान खतरे में डालकर बचाया था। दरअसल 1960 के दशक में थुंबा में ध्वनि रॉकेट के लिए पेलोड तैयार किया जा रहा था। पेलोड को रॉकेट के ढांचे के साथ एकीकृत किया जाना था। इस तैयारी में कलाम के साथ सुधाकर जुड़े हुए थे।
/sootr/media/media_files/0YNQEE2o8bkaWI4QowhP.jpg)
लांच के पहले की प्रक्रिया में प्रयोग की तैयारी थी। इसमें सोडियम और थर्माइट का मिश्रण भरना था। थुंबा में बला की गर्मी और उमस थी। कलाम के अनुसार, ‘लगभग छह मिश्रणों के बाद वो लैब में गए, लेकिन विज्ञान की बुनियादी जानकारी को भूल गए कि शुद्ध सोडियम जब पानी से मिलता है तो उसका स्वरूप खतरनाक हो सकता है, जैसे ही वो निरीक्षण को झुके सुधाकर के माथे के पसीने की कुछ बूंदें इस मिश्रण पर गिर गईं। कुछ समझ पाते इसके पहले ही एक भारी विस्फोट ने उन्हें पीछे धकेल दिया।
/sootr/media/media_files/R19x6EvEdE56Ex8biCFR.jpeg)
आग सोडियम के कारण लगी इसलिए पानी भी बेअसर था। वो नीचे गिरे हुए थे, तभी सुधाकर ने उन्हें बचाने के लिए हाथों से शीशे तोड़कर खिड़की के बाहर धकेल दिया। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर डॉ एपीजे कलाम के शादी को लेकर क्या विचार थे।
/sootr/media/media_files/riMYXZVjqmcg0aNZ2mX4.jpeg)
कलाम अक्सर कहते थे कि अगर उन्होंने शादी कर ली होती तो जीवन में जो भी हासिल किया है उसका आधा भी हासिल नहीं कर पाते। उनका मानना था कि शादी और बच्चों की वजह से व्यक्ति स्वार्थी बन जाता है।
/sootr/media/media_files/D0dFYq0nmTobm5xPozwu.jpeg)
साल 2006 में जब सिंगापुर में एक बच्चे ने डॉ. कलाम से शादी न करने की वजह पूछी तो उन्होंने सवाल को टाल दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं कामना करता हूं कि आप सभी को बेस्ट लाइफ पार्टनर मिले।