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लाल बहादुर शास्त्री अपने शांत और शालीन स्वभाव के कारण हर भारतीय के दिल में बसते हैं। लाल बहादुर शास्त्री एक भारतीय राजनीतिज्ञ और राजनेता थे, जिन्होंने 1964 से 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
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वह कभी दिखावे में यकीन नहीं रखते थे। वह अपने पहनावे, व्यवहार और यहां तक कि खान-पान में भी सादगी पसंद करते थे। 2 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन भी है।
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उनके आदर्श इतने ऊंचे थे कि जब 1963 में कामराज योजना के तहत उन्हें नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा तो उन्होंने अपने घर में बिजली का इस्तेमाल बंद कर दिया।
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लाल बहादुर शास्त्री का सबसे बड़ा योगदान उनका नारा 'जय जवान, जय किसान' था। यह नारा 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान दिया गया था, जब देश को एकजुट और आत्मनिर्भर बनने की सख्त जरूरत थी। उस समय एक तरफ देश के जवान सीमा पर लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ किसान देश की खाद्य सुरक्षा के लिए काम कर रहे थे।
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शास्त्री ने कहा था कि अयूब साहब का इरादा अपने सैकड़ों टैंकों के साथ चलकर दिल्ली पहुँचने का था। जब हमारा ऐसा इरादा था, तो हम भी लाहौर की ओर थोड़ा चल दिए। मुझे लगता है कि हमने ऐसा करके कुछ गलत नहीं किया।