हेल्थ डेस्क. पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron variant) से जूझ रही है। भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण इसी वैरिएंट को माना जा रहा है। ओमीक्रॉन को कोरोना के दूसरे वेरिएंट्स से कम खतरनाक बताया जा रहा है। लेकिन ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसे देखते हुए एक बार फिर लोगों से मास्क (mask) पहने, हाथों को सैनेटाइज करने और लोगों से दूर रहने की सलह दी जा रही है। ऐसे में सवाल है कि ओमीक्रॉन से बचने के लिए कौन सा मास्क पहना जाए?
कपड़े का मास्क
अगर आप कपड़े के मास्क का प्रयोग करते हैं, तो आपको बता दें कि कॉटन का कपड़ा ओमीक्रॉन या अन्य वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। ऐसे में जरूरी है की आप कपड़े के मास्क के अंदर सर्जिकल मास्क जरुर पहनें।
सर्जिकल मास्क
सर्जिकल मास्क कपड़े के मास्क से ज्यादा सुरक्षित है, लेकिन ये भी ओमीक्रॉन से ज्यादा सुरक्षा प्रदान नहीं करते है। सर्जिकल मास्क आमतौर पर N95 की तुलना में 5% से 10% कम प्रभावी होते हैं। रेस्पिरेटर्स की तरह इन मास्क में फिल्ट्रेशन मानक नहीं होते हैं।
N95
एन 95 मास्क की खासियत होती है कि इसकी फिटिंग अन्य मास्क से बेहतर होती है। साथ ही सांस लेते वक्त किनारों से हवा नहीं आती है, जो 95% आपको कणों से बचाता है। यदि आप कसकर सील किए गए N95 मास्क का उपयोग कर रहे हैं, तो उनके पास 2,500 घंटे की सुरक्षा होती है।
डबल मास्किंग
ओमीक्रॉन से बचने के लिए डबल मास्किंग 95 % प्रतिशत तक प्रभावी है। इसके लिए आप सर्जिकल मास्क के ऊपर एक कपड़े का मास्क या कपड़े के मास्क के साथ N95 मास्क पहन सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कपड़े के मास्क बनाने का तरीका और फिटिंग सही नहीं रहती, जिसके कारण वह एयरोसोल को रोक सकते हैं। कपड़े के मास्क से 75 प्रतिशत तक वायरस अंदर जा सकता है, इसलिए ओमीक्रॉन से बचने के लिए आपको N95 और KN95 मास्क पहन सकते हैं। ये मास्क लगभग 95 % प्रतिशत दूषित कणों को रोक सकते हैं।