एसोचैम की रिपोर्ट: समोसे के शौकीनों के लिए गुड न्यूज...बर्गर की तुलना में सेहत के लिए बेहतर है समोसा

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
एसोचैम की रिपोर्ट: समोसे के शौकीनों के लिए गुड न्यूज...बर्गर की तुलना में सेहत के लिए बेहतर है समोसा

NEW DELHI. उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट में बर्गर की तुलना में समोसा सेहत के लिए बेहतर बताया गया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एसोचैम के कार्यक्रम में भारतीय व्यंजन पर एक विस्तृत रिपोर्ट Indian Cuisine at Crossroads का लोकार्पण किया। पश्चिमी व्यंजनों की तुलना में भारतीय खाद्य पदार्थ सेहत के लिए काफी लाभदायक हैं। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत सभी के लिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने और कुपोषण जैसे मुद्दों को हल करने के अपने राष्ट्रीय लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकता है। देश के 15 सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में किया गया एक सर्वेक्षण भी रिपोर्ट का हिस्सा है। इसमें 5,000 से अधिक लोगों ने अपने भोजन विकल्पों पर अपनी राय दी है। 





बर्गर के साथ समोसे की तुलना





जंक फूड बर्गर भी है और समोसा भी, लेकिन समोसा बनाने में फ्रेश चीजों का इस्तेमाल होता है। वहीं बर्गर में प्रिजरवेटिव्स का यूज किया जाता है। समोसा आटे या मैदा से बना होता है और शुद्ध वनस्पति तेल में तला जाता है। इसमें जीरा, उबले हुए आलू, मटर, नमक, मिर्च और मसाले जैसी ताजी सामग्री का प्रयोग किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सामग्रियां बर्गर में डाली जाने वाली समाग्रियों की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक हैं। बर्गर पैक्ड पदार्थों से बनाया जाता है। ये पैक्ड फूड कई दिनों का भी हो सकता है, जो खाने पर नुकसान कर सकता है। 





ये खबर भी पढ़ें...











बर्गर का पाव बनाने मैदे में खमीर की जरूरत होती है





समोसा बनाते वक्त सीधे मैदे का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि, बर्गर का पाव बनाने के लिए मैदे में खमीर (यीस्ट) की जरूरत होती है, जिससे ही पाव और ब्रेड स्पंजी और बहुत ज्यादा मुलायम बनते हैं। बर्गर की टिक्की बनाने के लिए सामान्य कुकिंग ऑयल्स के अलावा अन्य तेलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बर्गर को फ्रीज करके स्टोर भी किया जा सकता है, लेकिन समोसे को बनाने के तुरंत बाद खाया जाता है। तुलनात्मक रूप से यह निष्कर्ष निकालता है कि कैलोरी से भरपूर समोसे एक बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि उनमें रसायनों की कमी होती है। हालांकि समोसे की अति से आपके सेहत को नुकसान हो सकता है.





प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरी होती है इंडियन खाने की थाली 



 



रिपोर्ट में कहा गया है, पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों के विपरीत जो गैर-पारंपरिक खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। इनमें एडिटिव्स का उपयोग किया जाता है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है। पनीर पिज्जा की तुलना में एक बड़ा पाव सेहत की दृष्टि से अच्छा है। आइसक्रीम से बेहतर चॉकलेट है। भोजन की भारतीय थालियां प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के संयोजन के साथ आती हैं, जैसे चपाती, दाल, चावल, तली हुई सब्जियां और दही या छाछ जैसे डेयरी उत्पाद जो अधिक पेट भरने वाले होते हैं। 





91 प्रतिशत लोगों ने कहा- परिणामों से अवगत 





सर्वेक्षण के अनुसार, 91 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे खाने में ज्यादा चीनी, नमक और वसा के परिणामों से अवगत हैं। टीयर-1 शहरों की तुलना में, टीयर-2 शहरों में भारतीयों में चीनी, नमक और वसा के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में अधिक जागरुकता है। 81 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके लिए पैकेज्ड खाद्य उत्पाद के पीछे दी गई जानकारी को समझना आसान था, जबकि 40 प्रतिशत ने कहा कि इसे पढ़ना बहुत आसान है। 





खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में चिंतित





कुल मिलाकर, अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि भारतीय उपभोक्ता खरीदे जाने वाले खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में चिंतित हैं और अधिकांश लोग खाद्य पैकेजों पर उपलब्ध कराए गए मौजूदा विवरणों से संतुष्ट नजर आते हैं। इससे यह बात पता चलती है कि बहुत ज्यादा जानकारी की हमेशा आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति और परिवार अपने भोजन को लेकर सतर्क रहते हैं।



good news एसोचैम की रिपोर्ट समोसा गुड न्यूज बर्गर की तुलना में समोसा केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल Assocham Report Samosa Samosa Compared To Burger Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal