New Delhi. भारत में गर्मियां पड़ रही हैं, इस दौरान तरह-तरह की बीमारियां पनपती हैं। इनमें ज्यादातर त्वचा से संबंधी और लू लगने के मामले शामिल हैं। गर्मी खत्म होते ही बारिश का सीजन शुरू हो जाएगा, बारिश के साथ ही पानी में पनपने वाले मच्छरों की फौज इंसानी बस्तियों पर हमला करती हैं। डेंगू मलेरिया का खतरा भी अचानक से बढ़ जाता है। डेंगू का वायरस केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीज पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। इलाज के अभाव में इस बीमारी से लोगों की मौत भी हो जाती है। अकेले भारत में ही डेंगू से हर साल ढाई लाख लोग बीमार पड़ते हैं। अब पुणे की प्रसिद्ध लैब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने डेंगू से लड़ने वाली वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक डेंगू की वैक्सीन अब अपने अंतिम ट्रायल से गुजर रही है।
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वैक्सीन का तीसरा ट्रायल जारी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के बुलावे पर दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और पैनेसिया बायोटेक ने जानकारी दी है कि डेंगू से लड़ने वाली वैक्सीन तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने आवेदन किया गया है। भारत में विकसित टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन कैंडिडेट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थर्ड फेज का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है। वहीं वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा है कि वयस्कों के लिए डेंगू वैक्सीन का ट्रायल अगस्त की महीने में शुरू हो जाएगा।
80 फीसदी मरीज हो जाते हैं स्वस्थ
आईसीएमआर के मुताबिक डेंगू वायरस से पूरी दुनिया में करोड़ों लोग चपेट में आ रहे हैं। इनमें से कई मरीज गंभीर हो जाते हैं। यहां तक कि उनकी मौत भी हो जाती है। सिर्फ भारत में डेंगू वायरस से हर साल 2 से ढाई लाख केस सामने आते हैं। दुनिया की लगभग आधी आबादी डेंगू वायरस के जोखिम को झेल रही है। दुनिया में हर साल 10 से 40 करोड़ लोगों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है और इसका एकमात्र वाहक होता है एडीज मच्छर। हालांकि आईसीएमआर ने यह भी बताया कि इस बीमारी के 80 फीसदी मरीज इलाज से स्वस्थ हो जाते हैं।
अचानक घटते हैं प्लेटलेट्स
डेंगू की चपेट में आए मरीज के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक से गिरने लगती है, खतरनाक स्तर तक प्लेटलेट्स की संख्या घटने पर मरीज को स्वस्थ व्यक्ति के खून के जरिए तैयार प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं। डेंगू का प्रकोप बढ़ने पर खून की कालाबाजारी करने वालों की भी चांदी कटती है। हालांकि ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाने के बाद उसके शरीर में इस वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हो जाती है।