सात्विक भोजन आपके लिए है बेहद फायदेमंद, आयुर्वेद में इसका खास महत्व; जानिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

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Rahul Garhwal
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सात्विक भोजन आपके लिए है बेहद फायदेमंद, आयुर्वेद में इसका खास महत्व; जानिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

BHOPAL. आपने कई लोगों को कहते हुए सुना होगा कि सात्विक भोजन हमारे शरीर के लिए बेस्ट है। सात्विक भोजन भारतीय परंपरा में अहम माना जाता है। दरअसल, भोजन 3 प्रकार का होता है। सात्विक, तामसिक और राजसिक। आयुर्वेद और योग साहित्य में ताजे, हल्की चिकनाई वाले, शाकाहारी और पौष्टिक भोजन को सात्विक भोजन कहते हैं। ऐसा भोजन जो हमारे शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति देता है, सात्विक कहलाता है।





सात्विक भोजन क्या है?





सात्विक भोजन फाइबर से भरपूर, लो फैट वाला शाकाहारी आहार है। सात्विक का मतलब है शुद्ध तत्व वाला यानी जिसमें शुद्धता के गुण हों। सात्विक भोजन शुद्ध और संतुलित होता है जिससे शांति, शीतलता, खुशी और मानसिक स्पष्टता महसूस होती है। राजसिक भोजन बहुत ज्यादा उत्तेजित करने वाला और तामसिक भोजन कमजोरी और आलस्य बढ़ाने वाला माना गया है।





आयुर्वेद में सात्विक भोजन करने का सुझाव





सात्विक भोजन को सबसे पौष्टिक और पोषक तत्वों से भरपूर माना गया है। आयुर्वेद की मानें तो अगर आप शारीरिक मजबूती, मानसिक सेहत और लंबी आयु को बढ़ावा देना चाहते हैं तो सात्विक भोजन का ही सेवन करें। सात्विक भोजन में ताजी चीजें शामिल होती हैं जैसे- मौसमी फल और सब्जियां (प्याज और लहसुन को छोड़कर), अंकुरित साबुत अनाज, ताजे फलों का जूस, दालें, ड्राई फ्रूट्स, सूखे मेवे और बीज, शहद और जड़ी बूटियों से भरपूर चाय। सात्विक भोजन करते वक्त पशुओं से प्राप्त होने वाला प्रोटीन (एनिमल प्रोटीन), बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें, कैफीन, चीनी, इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।





सात्विक भोजन में क्या-क्या खाएं?







  • सब्जियां : पालक, गाजर, आलू, ब्रॉकली, गोभी, पत्ता गोभी, मटर।



  • फल और फल का जूस : सेब, केला, पपीता, आम, चेरी, तरबूज, खरबूज, पीच, अमरूद, फलों का ताजा जूस।


  • अंकुरित अनाज : चावल, बार्ली, अमरंथ (चौलाई), मोटा पिसा हुआ गेहूं, दलिया, जौ, बाजरा, किवनोआ।


  • सूखे मेवे और बीज : अखरोट, ब्राजील नट, बादाम, कद्दू का बीज, सूरजमुखी का बीज, तिल, अलसी।


  • तेल और फैट : घी, तिल का तेल, जैतून का तेल, अलसी का तेल।


  • दूध और गैर-दुग्ध उत्पाद : दही, चीज, छाछ, बादाम का दूध, नारियल का दूध, काजू का दूध, टोफू।


  • दालें और फलियां : मूंग दाल, काबुली चना, अंकुरित अनाज।


  • पेय पदार्थ : बिना कैफीन वाली हर्बल चाय, पानी, फलों का जूस।


  • सात्विक मसाले : धनिया, जायफल, जीरा, मेथी, हल्दी, अदरक, दालचीनी।


  • मीठा : शहद और गुड़






  • क्या ना खाएं?







    • अतिरिक्त चीनी और मीठी चीजें : सफेद चीनी, फ्रक्टोज कॉर्न सीरप, कैंडी, सोडा।



  • फ्राइड फूड : फ्रेच फ्राइज, तली हुई सब्जियां, पेस्ट्री, केक।


  • प्रोसेस्ड फूड : चिप्स, कॉर्न फ्लेक्स आदि ब्रेकफस्ट, फास्ट फूड, फ्रोजन फूड।


  • मांस, मछली, अंडा, प्याज, लहसुन, अचार।


  • अल्कोहल, चीनी युक्त पेय पदार्थ, कैफीन वाले पेय पदार्थ।






  • इन बातों का रखें ध्यान







    • सात्विक भोजन हमेशा ताजा बना हुआ और शुद्ध हो।



  • सात्विक भोजन बनाकर फ्रिज में नहीं रखना चाहिए और बाद में सेवन नहीं करना चाहिए।


  • सात्विक भोजन में केमिकल-फ्री ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।


  • सात्विक भोजन में खाने का समय निर्धारित करना बेहद जरूरी है। रोज एक ही समय पर भोजन करें।


  • सोने, योग या आसन करने के 2 घंटे पहले सात्विक आहार ग्रहण कर लेना चाहिए।




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