BHOPAL. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय करेंसी पर लक्ष्मी और गणेश की फोटो लगाने की मांग करके नई बहस छेड़ दी है। केजरीवाल का कहना है कि नोट पर एक तरफ गांधी जी की और दूसरी तरफ गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर हो तो पूरे देश को आशीर्वाद मिलेगा। इंडोनेशिया के बीस हजार के रुपिया पर भगवान गणेश की फोटो है। अब इस मांग पर सियासत शुरू हो गई है और इसका नतीजा क्या निकलेगा ये तो बाद की बात है। आइए हम आपको बताते हैं कि नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो छपने का इतिहास क्या है। कबसे नोटों पर बापू की तस्वीर छप रही है।
1969 में पहली बार नोटों पर छपी बापू की तस्वीर
RBI के मुताबिक 1969 में महात्मा गांधी की 100वीं जयंती पर उनके सम्मान में पहली बार नोटों पर उनकी तस्वीर छापी गई थी। 1 रुपए के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी गई थी। इसके बाद 1996 में महात्मा गांधी की फोटो वाले नोट चलने लगे। फिर 5, 10, 20, 100, 500 और 1000 के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी गई। 1987 में बापू की फोटो को वॉटरमार्क की तरह इस्तेमाल किया जाता था लेकिन फिर हर नोट पर बापू की तस्वीर छापी जाने लगी।
कब की है नोट पर छपी बापू की तस्वीर
नोटों पर छपने वाली महात्मा गांधी की ये तस्वीर 1946 की है और ये असली तस्वीर है। ये तस्वीर उस वक्त ली गई थी जब लॉर्ड फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस विक्ट्री हाउस में आए थे।
गांधी से पहले नोटों पर होती थीं अलग-अलग तस्वीरें
1510 में गोवा पर पुर्तगालियों ने कब्जा कर लिया था। उन्होंने रुपिया करेंसी चलाई थी। गोवा में पुर्तगाल इंडिया के नाम से नोट छपते थे। नोटों को एस्कुडो कहा जाता था। इन पर पुर्तगाल के राजा किंग जॉर्ज द्वितीय की तस्वीर छपी होती थी।
अलग नोट छपवाते थे हैदराबाद के निजाम
1917-1918 में हैदराबाद के निजाम अपने नोट खुद छपवाते थे। इसमें नोटों के पीछे की ओर सिक्कों की आकृति छपी होती थी।
RBI ने पहली बार छापी थी जॉर्ज VI की तस्वीर
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में पहली बार 5 रुपए का नोट जारी किया था। जिस पर जॉर्ज VI की फोटो छापी गई थी। जॉर्ज VI यूनाइटेड किंगडम के राजा थे। इसके बाद 10, 100 और 1000 के नोट जारी किए गए। इन पर सर जेम्स टेलर के हस्ताक्षर होते थे।
नोटों पर क्यों नहीं छापी जाती कोई और तस्वीर
बताया जाता है कि महात्मा गांधी से बढ़कर कोई भी व्यक्ति देश के स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। अगर किसी दूसरे सेनानी या किसी निर्जीव वस्तु की तस्वीर नोटों पर छापी जाएगी तो देश के अलग-अलग राज्यों के लोग इस पर सवाल उठा सकते हैं। इसलिए नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ही तस्वीर छापी जाती है।