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शहडोल.प्रदेश में पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। पंचायत चुनावों की सभी सीटों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन इस आरक्षण प्रक्रिया में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो मतदाताओं के गले नहीं उतर रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला जिले में आया है। जानकारी के अनुसार छतरपुर जिले के लवकुशनगर विकासखंड की ग्राम पंचायत देवरी में कुल 1,236 मतदाता हैं जिसमें केवल एक आदिवासी महिला मतदाता है और वह भी शासकीय शिक्षक है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को भी लिखित आवेदन देकर इस गड़बड़ी से अवगत कराया है।
पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। छतरपुर जिले के लवकुशनगर विकासखंड की ग्राम पंचायत देवरी में आदिवासी परिवार नहीं है, लेकिन इस पंचायत की सरपंच सीट आदिवासी महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है।
कलेक्टर को दिया आवेदन
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत की आरक्षण प्रक्रिया 25 मई को संपन्न हुई थी, जिसमें लवकुशनगर की ग्राम पंचायत देवरी का सरपंच पद सामान्य अनारक्षित के लिए आरक्षित होने की सूची प्रकाशित हुई। 30 मई को जब सरपंच पद के दावेदार नामांकन फॉर्म लेने गए जब उन्हें बड़ा झटका लगा। जैसे ही उन्हें पता चला कि ग्राम पंचायत देवरी को आदिवासी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है, उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।
खास बात यह है कि इस ग्राम पंचायत में कुल 1,236 मतदाता हैं जिसमें केवल एक आदिवासी महिला मतदाता है और वह भी शासकीय शिक्षक है। अब जिस गांव में आदिवासी वोटर नहीं हैं वहां सरपंच का पद आदिवासी महिला के लिए किस आधार पर आरक्षित कर दिया गया। ऐसे में अब इस गांव में निर्वाचन कैसे संभव होगा। ग्रामीणों ने इस संदर्भ में कलेक्टर को आवेदन भी सौंपा है। इस तरह के मामले आरक्षण प्रक्रिया को संदिग्ध कर देते हैं।