100 साल बाद 20 अप्रैल को दिखेगा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण, यह क्यों होगा अद्भुद, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

author-image
Neha Thakur
एडिट
New Update
100 साल बाद 20 अप्रैल को दिखेगा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण, यह क्यों होगा अद्भुद, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

BHOPAL. आमतौर पर जब भी हमारे जीवन में कोई नेगेटिव चीज होती है तो सबसे पहले हमारी जुबां यही शब्द आता है कि हमारी खुशियों को किसी की नजर लग गई है, जैसे कोई 'ग्रहण' हमारे जीवन पर लग गया है। साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। इस बार का सूर्य ग्रहण काफी अलग होगा, क्योंकि 100 साल बाद एक बार फिर हाइब्रिड सूर्यग्रहण लगेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वलयाकार ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण का संयोजन को कहते हैं। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के बाद इस साल सिर्फ एक और सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा।



इन देशों में दिखेगा ग्रहण



सूर्य ग्रहण भारत में नहीं, बल्कि केवल दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के दौरान, 'वार्षिक रिंग ऑफ फायर' ग्रहण भारतीय और प्रशांत महासागरों में कुछ सेकंड के लिए दिखाई देगा, लेकिन जमीन पर कहीं भी नहीं। दूसरी ओर कुल ग्रहण केवल तीन स्थानों पर दिखाई देगा, जिसमें एक्समाउथ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, तिमोर लेस्ते और पश्चिम पापुआ शामिल हैं। वहीं आंशिक सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर ही दिखाई देगा और वहां इसका सूतक भी मान्य रहेगा।



क्या होता है सूतक काल



सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है. इस दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ काम या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है। सूतक काल के दौरान मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए। ग्रहण की समाप्ति के बाद सूतक काल खत्म हो जाता है। ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए और स्नान करना चाहिए।



ये भी पढ़े...



माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ को जिस हथियार से मारा गया, वह जिगाना पिस्टल भारत कैसे आई, जानें उसकी खूबियां



आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार ग्रहण



आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य के किसी छोटे हिस्से के सामने आकर रोशनी रोकता है, तब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है। कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीच आकर रोशनी रोकता है, तब चारों तरफ एक चमकदार रोशनी का गोला बनता है, इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं। इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। तब पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है। इसे खुली आंखों से बिना किसी यंत्र के भी देखा जा सकता हैं।



किसे कहते हैं हाइब्रिड सूर्यग्रहण



ज्योतिष के मुताबिक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के मिश्रण को कहते हैं। सरलह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ प्रकार का ग्रहण है जो एक वलयाकार ग्रहण और कुल सूर्य ग्रहण का एक संयोजन है। जो लोग इस ग्रहण को देखने में सक्षम होंगे, वे कुछ सेकंड के लिए सूर्य को एक वलय के आकार का बनते हुए देखेंगे, जिसे 'अग्नि का वलय' कहा जाता है। इस प्रकार का ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी के पार चलती है, जिससे यह दूसरे में ट्रांजिशन हो जाता है।

 


MP News एमपी न्यूज solar eclipse 2023 20 april solar eclipse hybrid solar eclipse eclipse news सूर्य ग्रहण 2023 20 अप्रैल सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ग्रहण न्यूज