शीशे की तरह चमकती है उम्नगोट, मछलियां और पत्थर साफ दिखते हैं; 3 गांव के आदिवासी बखूबी निभाते हैं सफाई की जिम्मेदारी

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
शीशे की तरह चमकती है उम्नगोट, मछलियां और पत्थर साफ दिखते हैं; 3 गांव के आदिवासी बखूबी निभाते हैं सफाई की जिम्मेदारी

MEGHALAYA. भारत में नदियों को मां का दर्जा दिया जाता है। सभी लोग नदियों को मां गंगा, मां नर्मदा और मां यमुना कहते हैं। लोगों ने जिन नदियों को मां का दर्जा दिया, उन्हीं नदियों को इतना प्रदूषित कर दिया कि उनके पानी को पीने लायक नहीं छोड़ा। वहीं हमारे ही देश में एक ऐसी नदी भी है जो इतनी साफ है कि शीशे की तरह चमकती हुई दिखाई देती है। ये भारत की सबसे साफ नदी है जिसका नाम है 'उम्नगोट'।



नदी इतनी साफ कि शीशे की तरह चमके



publive-image



'उम्नगोट' नदी मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के 'दावकी' में बहती है। ये भारत और बांग्लादेश की बॉर्डर के पास का इलाका है। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से 'दावकी' की दूरी मात्र 95 किलोमीटर है। 'उम्नगोट' नदी का पानी इतना साफ है कि शीशे की तरह चमकता है। नदी में कचरे का नामो-निशान नहीं है। नदी के पत्थरों को भी साफ देखा जा सकता है।



मछली पकड़ने के लिए खास, बोटिंग के लिए फेमस



publive-image



'उम्नगोट' नदी का पानी इतना पारदर्शी है कि मछलियों को साफ-साफ देखा जा सकता है। लोग इस नदी में मछली पकड़ना बेहद पसंद करते हैं। 'उम्नगोट' नदी में बोटिंग करने का अलग ही मजा है। साफ पानी पर चलती नाव ऐसी दिखाई देती है जैसे कांच पर चल रही हो। ये जगह पहाड़ियों के बीच एक स्वर्ग है।



नदी की साफ-सफाई इसलिए बरकरार



publive-image



'उम्नगोट' नदी इस इलाके में रहने वाले आदिवासियों की वजह से इतनी साफ है। साफ-सफाई एक तरह से आदिवासियों की परंपरा है। समुदाय के बुजुर्ग इस परंपरा को निभाते हैं और नई पीढ़ी को सीख देते हैं। 'उम्नगोट' 3 गांवों में बहती है। दावकी, दारंग और शेनान्गडेंग गांव के लोग ही 'उम्नगोट' नदी की साफ-सफाई की जिम्मेदारी निभाते हैं। मौसम और पर्यटकों की तादाद को देखते हुए 1 महीने में 1, 2 या 4 कम्युनिटी-डे होते हैं। कम्युनिटी-डे पर हर गांव के हर एक घर से कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई में योगदान देता है। गांवों में करीब 300 घर हैं।



गंदगी करने वालों पर भारी जुर्माना



publive-image



'उम्नगोट' नदी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए साफ-सफाई को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। सभी पर्यटकों से गंदगी नहीं फैलाने की अपील की जाती है। अगर कोई गंदगी करता पाया जाता है तो उस पर 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है। अंग्रेजों ने 'उम्नगोट' नदी पर एक ब्रिज भी बनवाया था।



नवंबर से अप्रैल तक आते हैं ज्यादा पर्यटक



publive-image



'उम्नगोट' नदी की सैर करने के लिए नवंबर से अप्रैल तक ज्यादा पर्यटक आते हैं। सर्दियों में 'उम्नगोट' नदी का प्राकृतिक सौंदर्य चरम पर होता है। मानसून में सुरक्षा को देखते हुए बोटिंग बंद कर दी जाती है। मानसून के दौरान बारिश की वजह से 'उम्नगोट' का पानी भी मटमैला हो जाता है। 'उम्नगोट' नदी के पास ही एक 'मावलिननॉन्ग' गांव है जो एशिया का सबसे साफ गांव है।



क्या कभी गंगा-नर्मदा हो पाएंगी इतनी स्वच्छ ?



क्या कभी गंगा और नर्मदा नदी 'उम्नगोट' नदी जितनी साफ हो पाएंगी ? ये एक बड़ा सवाल है। यs हमारे हाथ में है कि हम अपनी मां समान नदियों को प्रदूषण से बचाएं। अगर हर इंसान चाहे कि उसे नदियों को प्रदूषित होने से बचाना है तो नर्मदा का पानी कभी प्रदूषित नहीं होगा और न ही गंगा कभी मैली होगी।


भारत की सबसे साफ नदी उम्नगोट नदी Umngot shines like glass Umngot River of Meghalaya India's cleanest river Umngot River शीशे की तरह चमकती उम्नगोट नदी मेघालय की उम्नगोट नदी
Advertisment