नित्यानंद ही नहीं इन 5 लोगों ने भी बसा रखा है कैलासा की तरह अपना अलग देश

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Jitendra Shrivastava
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नित्यानंद ही नहीं इन 5 लोगों ने भी बसा रखा है कैलासा की तरह अपना अलग देश

DELHI. रेप केस में फरार चल रहा स्वामी नित्यानंद इन दिनों खूब चर्चा में है। वजह है उसके द्वारा अपना अलग देश बनाने का दावा। नित्यानंद का दावा है कि उसने कैलासा नाम का नया देश बसाया है। वह तथाकथित देश कैलासा की नागरिकता बांट रहा है। इसके लिए बकायदा सोशल मीडिया पर लोगों से नागरिकता लेने की अपील की जा रही है। वैरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट कर कहा जा रहा है कि अगर आप अगर आप हिंदू धर्म का पालन करते हैं या हिंदू विचारधारा वाले समूह से जुड़ना चाहते हैं तो मुफ्त में कैलासा की E-नागरिकता ले सकते हैं। नित्यानंद पहला ऐसा शख्स नहीं है, जिसने इस तरह से अलग राज्य बनाने का दावा किया है, इससे पहले भी कई लोग अपना अलग देश बनाने का दावा करते हैं। आईए जानते हैं ऐसे ही 5 लोगों के बारे में....





कैसा है नित्यानंद का कैलासा?





भारत से फरार होने के बाद नित्यानंद ने दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में उसने जमीन खरीदी और इसे अपना देश घोषित कर दिया। नित्यानंद ने इस देश का नाम 'कैलासा' रखा और इसे 'हिंदू राष्ट्र' बताया। कैलासा की वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिका में कैलासा आंदोलन की शुरुआत हुई थी। दावा किया गया है कि ये दुनियाभर में सताए गए हिंदुओं को सुरक्षा देता है। यहां जाति, लिंग का भेदभाव किए बिना शांति से सभी हिंदू रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र में विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा कि यहां 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं। उन्होंने ये भी दावा किया कि 150 देशों में कैलासा ने एम्बेसी और एनजीओ स्थापित किए हैं। 





कैलासा के झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर भी लगी है





कैलासा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, कैलासा में अंग्रेजी, संस्कृति और तमिल भाषा बोली जाती है। देश का राष्ट्रीय पशु 'नंदी' है। वहीं, राष्ट्रीय ध्वज 'ऋषभ ध्वज' है। कैलासा के झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर भी लगी है। देश का राष्ट्रीय फूल 'कमल' और राष्ट्रीय पेड़ 'बरगद' है। इतना ही नहीं, कैलासा का अपना संविधान होने का दावा भी किया गया है। कैलासा का रिजर्व बैंक और करंसी भी है।





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केविन बॉघ, जिसने बसाया Republic of Molossia





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स्वामी नित्यानंद की तरह ही केविन बॉघ नाम का शख्स भी अलग देश रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया बनाने का दावा करता है। ये अमेरिका में नेवादा के पास स्थित है। इस माइक्रोनेशन की सीमा में कुल 34 जीव रहते हैं। इनमें से 30 इंसान और 4 कुत्ते। इसकी सीमा कुल 2.28 एकड़ जमीन से बनी है। इस देश की अलग करेंसी भी है जिसका नाम valora है। इस सिस्टम को चलाने के लिए Bank of Molossia, चिप वाले सिक्के और प्रिंटेड नोट भी हैं। इस स्वयंभू देश में कुत्तों को भी नागरिकता मिलती है।





बॉग ने दर्जनों सैन्य टाइटल अपने आपको दे रखे हैं





तानाशाह केविन बॉग के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। यह शख्स हमेशा मिलिटरी ड्रेस में रहता है और वर्दी पर कई तरह के मेडल लटकते रहते हैं। दर्जनों सैन्य टाइटल इस शख्स ने खुद को दे रखे हैं। यह शख्स खुद को आजाद देश का शासक मानता है और वहां घूमने आने वाले सैलानियों का स्वागत खुद बॉर्डर पर करता है।





ईस्ट जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान भी कर दिया था





1990 के दशक में रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया ने ईस्ट जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान भी कर दिया था। 2006 में रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया का युद्ध हो गया था एक और माइक्रेनशन Moustachestan के साथ। जिसमें केविन बॉघ को जीत हासिल हुई और सजा के रूप में Moustachestan के शासक को अगले 6 महीने के लिए हर माह एक valora की पेनाल्टी देनी पड़ी। 2010 में एक और माइक्रोनेशन के साथ इस छोटे से 'देश' की जंग हुई थी। रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया दो बार अपना राष्ट्रगान बदल चुका है। इसका झंडा ब्लू, सफेद और हरे रंग के तिरंगे डिजाइन में है।





विट जेडलिका ने 2015 में बसाया Liberland





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विट जेडलिका ने 13 अप्रैल 2015 को अपना अलग देश Liberland बनाने का ऐलान किया। यह क्रोएशिया और सर्बिया के बीच में डैन्यूब नदी के किनारे स्थित है। दो देशों की लड़ाई में एक नो मैंस लैंड बना था। विट जेडलिका ने इसे माइक्रोनेशन बना दिया। यहां की आबादी अब ढाई लाख के आसपास है। यहां के लोगों पर अलग टैक्स, प्रॉपर्टी के कानून और नागरिक अधिकार लागू होते हैं।





पूर्व सैनिक फोर्ट रफ्स ने बनाया Sealand





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इस देश को एचएम फोर्ट रफ्स नाम के एक पूर्व सैनिक ने नॉर्थ सी में इंग्लैंड के तट से सटा सीलैंड बसाया है। यह ऐसा माइक्रेनेशन है जो दो विशालकाय पिलर्स पर टिका हुआ है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान यह एक एंटी-एयरक्राफ्ट प्लेटफार्म के रूप में तैयार हुआ था। इंटरनेशनल सी एरिया में होने के कारण ब्रिटिश नेवी ने 1966 में इस जगह को खाली कर दिया। इसके बाद फोर्ट रफ्स ने इसे अलग देश घोषित कर दिया। यह इलाका समुद्र तट से 12 किलोमीटर दूर स्थित है और फेरी और नावों के जरिए एक दूसरे से जुड़े कई प्लेटफॉर्म इस स्वयंभू देश का निर्माण करते हैं। आज यहां 27 लोग रहते हैं, लेकिन 1970 के आसपास यहां की आबादी एक बार 70 तक पहुंच गई थी। यह रियासत केवल दो टेनिस कोर्ट के बराबर आकार की होगी।





पर्यावरण एक्टिविस्ट्स ने बसाया Republica Glaciar





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इस देश की कहानी भी कम रोचक नहीं है। चिली और अर्जेंटीना के बीच स्थित एक इलाके को खाली देखकर ग्रीनपीस के पर्यावरण एक्टिविस्ट्स ने 2014 में इसे अलग देश ही घोषित कर दिया, ताकि सरकार को बहुमूल्य जल भंडार की रक्षा के लिए राजी किया जा सके। इन एक्टिविस्ट्स का कहना है कि दो देशों के बीच में स्थित होने और कानूनी लूपहोल होने के कारण यहां किसी का दावा नहीं बनता इसलिए इसे आजाद देश होने का पूरा हक है। यहां की आबादी एक लाख है। यहां का अपना पासपोर्ट भी है। लोग ऑनलाइन आवेदन करके नागरिक बन सकते हैं। रिपब्लिका ग्लेशियर के पहले नागरिक चिली के कवि निनिकोर पार्रा हैं। 





स्कूल टीचर ने बसाया Principality of Pontinha 





मैडिरा द्वीपसमूह पर स्थित पोंटिन्हा का टापू और उसका किला पुर्तगाली राज्य की संपत्ति थे। पुर्तगाल के राजा कार्लोस I ने 1903 में इसे बेच दिया। 2000 में इसे एक स्कूल टीचर रेनाटो डी बैरोस ने खरीदा और अलग देश के रूप में ऐलान कर दिया। इसके मालिक ने खुद को प्रिंस घोषित कर दिया और पुर्तगाल पर उसके देश को धमकी देने का आरोप भी लगाया। अभी इस देश में चार लोग रहते हैं।



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