अमरकंटक नगर पालिका के सब-इंजीनियर देवल ने खींची सुपरनोवा की दुर्लभ तस्वीरें, आप भी देखिए अंतरिक्ष में कैसे होता है भयानक विस्फोट

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Rahul Garhwal
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अमरकंटक नगर पालिका के सब-इंजीनियर देवल ने खींची सुपरनोवा की दुर्लभ तस्वीरें, आप भी देखिए अंतरिक्ष में कैसे होता है भयानक विस्फोट

राजेश शुक्ला, AMARKANTAK. अमरकंटक नगर पालिका के सब-इंजीनियर देवल सिंह ने सुपरनोवा की दुर्लभ तस्वीरें खींची हैं। ये तस्वीरें प्री डिस्टकवरी एस्ट्रोनॉमर्स टेलीग्राम में भी पब्लिश हुई हैं। सब-इंजीनियर देवल सिंह ने बताया कि ये घटना 18 और 19 मई के बीच हमारी पृथ्वी से लगभग 2 करोड़ 87 लाख प्रकाश वर्ष दूर पिनवील गैलेक्सी (मेसियर 101) में घटी थी। इस सुपरनोवा को SN2023IXF नाम दिया गया है।



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कैसे बनता है सुपरनोवा?



अंतरिक्ष में होने वाले सबसे भयानक विस्फोट के कारण सुपरनोवा का निर्माण होता है। जब कोई तारा अपने जीवन चक्र के अंतिम पड़ाव पर होता है और उसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से न्यूनतम 8 गुना से ज्यादा होता है और तारे के जीवनकाल में उसका द्रव्यमान लगातार उसके केंद्र में न्यूक्लियर फिशन के प्रक्रिया के तहत में इकट्ठा होकर लौह कोर के रूप में निर्मित होता रहता है। जिस समय तारा अपने केंद्र में इतना द्रव्यमान संचायित कर लेता है कि वो अपने ही द्रव्यमान को नियंत्रित नहीं कर सकता तो सुपरनोवा के रूप में प्रस्फुटित हो जाता है। जिससे अत्याधिक मात्रा में ऊर्जा और द्रव्यमान अंतरिक्ष में फैल जाता है, जिसके कारण ये अत्याधिक चमकीला दिखाई देता है। ये बहुत ही दुर्लभ और विशालतम खगोलीय घटना मानी जाती है। ये एक टाइप 2 सुपरनोवा है। पिनवील गैलेक्सी में घटित हुए सुपरनोवा की तस्वीर खोज के समय के पूर्व ही अनूपपुर जिले अमरकंटक में नगरीय प्रशासन विभाग में सब-इंजीनियर देवल सिंह द्वारा खींची गई है।



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सुपरनोवा को इमेजिंग टेलीस्कोप से किया ऑब्जर्व



अमरकंटक में नगरीय प्रशासन विभाग में उपयंत्री देवल सिंह ने इस खोज के पूर्व ही सुपरनोवा अपने इमेजिंग टेलीस्कोप से ऑब्जर्व कर लिया था। देवल सिंह की खोज के पूर्व ही खींची गई सुपरनोवा की फोटो का प्रमाणीकरण देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित वेधशालाओं के टेलीस्कोपिक सिस्टम्स से किया गया और 25 मई 2023 को ये प्री-डिस्कवरी एस्ट्रोनॉमर्स टेलीग्राम में प्रकाशित की गई।



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खगोलीय ऑब्जर्वेशन के लिए अमरकंटक आदर्श स्थल



देवल सिंह पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं और एमेचर एस्ट्रोफोटग्राफर हैं, जो अपने इमेजिंग टेलिस्कोप से अंतरिक्ष की दुर्लभ तस्वीरें खींचते हैं। देवल सिंह ने बताया कि 18 मई और 19 मई को पिनेहील गैलेक्सी की तस्वीरें खींच रहे थे, जिस समय संयोगवश ये सुपरनोवा ऑब्जर्व उनके द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि अमरकंटक का लाइट पॉल्यूशन लेवल सिटी सेंटर में बोर्टल स्केल पर 3 से 4 के बीच है और सिटी सेंटर से 3 किलोमीटर दूर ही बोर्टल 1 से 2 के बीच प्राप्त होता है, जिसके कारण अमरकंटक इसस्टार्गेजिंग और खगोलीय ऑब्जर्वेशन के लिए एक बेहतरीन जगह है। अमरकंटक का स्काई क्वालिटी मैग्नीट्यूड 21.67 के आसपास है, जो खगोलीय ऑब्जर्वेशन के लिए आदर्श जगह है।



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देवल सिंह को बचपन से था अंतरिक्ष दर्शन का शौक



देवल सिंह ने बताया कि उन्होंने अंतरिक्ष दर्शन का शौक बचपन से ही था, लेकिन उपकरण और मार्गदर्शन नहीं मिलने की वजह से उन्होंने इसे दबाए रखा। नौकरी लगने के बाद जब वे उमरिया जिले में थे, तब देश के अलग-अलग शहरों से उन्होंने उपकरण मंगाए। कोरोना संक्रमण के दौरान सभी उपकरणों जोड़ा। इस बीच ट्रांसफर होकर वे अमरकंटक आए, जहां वे इमेजिंग टेलिस्कोप से अंतरिक्ष की दुर्लभ तस्वीरें खींचते रहे।


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