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एमपी पुलिस भर्ती की परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं और सभी स्टूडेंट्स जोश और जुनून के साथ तैयारी में जुटे हैं। लेकिन अगर किसी सब्जेक्ट का नाम लेते ही स्टूडेंट्स के माथे पर बल आ जाता है तो वो अक्सर रीजनिंग होता है।
ये सब्जेक्ट स्कोरिंग तो है लेकिन समय सीमा के अंदर स्पीड और एक्यूरेसी के साथ सवालों को हल करना ही रियल टेस्ट है। अक्सर स्टूडेंट्स पेन-पेपर लेकर हर सवाल को सॉल्व करने में अपना कीमती वक्त गंवा देते हैं। ऐसे में इस प्रॉब्लम का एक ही अल्टीमेट सलूशन है कि रोज सिर्फ 5 मिनट का बिना पेन-पेपर के मेन्टल कैलकुलेशन का प्रैक्टिस करना।
यह सिंपल सी आदत आपकी सोचने की स्पीड को कई गुना बढ़ा देगी और आपको एग्जाम हॉल में बाकी स्टूडेंट्स से आगे रखेगी। आइए जानें कि इसकी तैयारी कैसे करें और खान सर बच्चों को क्या टिप्स देते हैं।
💡 क्यों जरूरी है बिना पेन-पेपर की मेन्टल कैलकुलेशन
जब आप रीजनिंग के सवाल जैसे Series, Analogy, Coding-Decoding हल करते हैं तो अक्सर आपको तेजी से जोड़ना, घटाना, गुणा करना या स्क्वायर और क्यूब निकालना पड़ता है।
टाइम मैनेजमेंट:
एग्जाम में हर सेकंड कीमती होता है। अगर आप हर छोटी कैलकुलेशन के लिए पेन और पेपर उठाएंगे तो आप अपना बहुत सारा टाइम वेस्ट कर देंगे। मेन्टल कैलकुलेशन से आप समय बचाकर उन सवालों पर लगा सकते हैं जहां सच में ज्यादा सोचने की जरूरत है।
फोकस और कंसंट्रेशन:
बिना पेन-पेपर के कैल्क्युलेशन्स करने से आपका फोकस लेवल बढ़ता है। आपका दिमाग एक muscle की तरह है, जितना इसे एक्सरसाइज कराओगे उतना ही तेज होगा। यह प्रैक्टिस आपको प्रॉब्लम-सॉल्विंग में बेहतर बनाती है।
कॉन्फिडेंस बूस्ट:
जब आप देखते हैं कि आप बड़े-बड़े जोड़-घटाव (Addition-Subtraction) बिना किसी हेल्प के कर पा रहे हैं तो आपका कॉन्फिडेंस सातवें आसमान पर पहुंच जाता है।
रीजनिंग सॉल्व करने के टिप्स
पैटर्न को 'देखें' नहीं, 'पढ़ें':
रीजनिंग में हर सवाल एक कहानी बताता है। सीरीज या एनालॉजी के सवालों में, पैटर्न को सिर्फ देखकर छोड़ें नहीं बल्कि उसे स्क्वायर, क्यूब या मल्टीप्लाई के रूप में तेजी से पढ़ने की आदत डालें।
डायरेक्शन सेंस को विज़ुअलाइज करें:
दिशा और दूरी के सवालों में पेन-पेपर की जरूरत खत्म करें। आंखें बंद करके खुद को सेंटर में मानिए और मानसिक रूप से पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण की यात्रा कीजिए। इससे टाइम 80% तक कम हो जाएगा।
कोडिंग-डिकोडिंग की 'A to Z' मास्टरी:
अक्षरोंकी पोजीशन वैल्यू (जैसे A=1, M=13, Z=26) और उनकी अपोजिट वैल्यू (जैसे A-Z, B-Y) को उंगलियों पर नहीं, दिमाग में रट लें। इसे याद करने के लिए 'E J O T Y' (5, 10, 15, 20, 25) का इस्तेमाल करें।
ब्लड रिलेशन चार्ट को 'ट्री' बनाएं
ब्लड रिलेशन के सवालों को पेपर पर गोल या चौकोर बनाने के बजाय, दिमाग में एक फैमिली ट्री की तरह बनाइए। जनरेशन गैप को तुरंत पहचानें।
लॉजिकल सीक्वेंस में सबसे पहले ढूंढें:
लॉजिकल ऑर्डर वाले सवालों में पूरा सीक्वेंस बनाने के बजाय, तुरंत यह ढूंढें कि 'सबसे पहले क्या होगा' या 'सबसे अंत में क्या आएगा'। इससे 90% सवाल पहले या आखिरी ऑप्शन से ही सॉल्व हो जाते हैं।
मेन्टल कैलकुलेशन को 5 मिनट का डोज दें:
यह आपका ब्रह्मास्त्र है। रोजाना बिना पेन-पेपर के 5 मिनट तक स्क्वायर, क्यूब और जोड़-घटाव की प्रैक्टिस करें। ये आदत आपकी थिंकिंग स्पीड को सुपरचार्ज कर देगी।
मिरर और वॉटर इमेज की 'ट्रिक':
मिरर और वाटर इमेज के लिए पेन-पेपर नहीं उठाना है। दिमाग में ही इमेज को पलटने का ट्राई करें। मिरर इमेज में आकृति को दाएं-बाएं पलटना है और वॉटर इमेज में ऊपर-नीचे पलटना है।
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🎯 रोज 5 मिनट की प्रैक्टिस के टिप्स
पहाड़ों पर चढ़ाई (Mastering Tables):
क्या करें: 1 से 25 तक के टेबल को अच्छे से याद करें।
5 मिनट का प्रैक्टिस
आंखें बंद करें और किसी भी टेबल को रैंडमली बोलना शुरू करें। जैसे: 17×6=102, 17×9=153।
फिर उल्टी दिशा में बोलें, जैसे: 153÷9=17, 102÷6=17।
यूनिक पॉइंट: रोजाना सुबह उठकर 5 मिनट तक सिर्फ एक टेबल का प्रैक्टिस करें जब तक वह आपके दिमाग में सेट न हो जाए।
स्क्वायर और क्यूब का जादू
क्या करें: 1 से 30 तक के स्क्वायर और 1 से 15 तक के क्यूब याद करें।
5 मिनट का अभ्यास: किसी भी नंबर को लें और उसका स्क्वायर और क्यूब दिमाग में सोचें। जैसे, नंबर 18। (18) और फिर इसे जोर से बोलकर दोहराएं।
यूनिक पॉइंट: रास्ते में चलते हुए या बस में बैठे हुए सामने दिख रही गाड़ियों के नंबर प्लेट को देखें और उस नंबर का वर्ग या घन निकालने की कोशिश करें। इससे बोरियत भी नहीं होगी और अभ्यास भी हो जाएगा।
जोड़-घटाव का फास्ट ट्रैक
क्या करें: बड़ी संख्याओं को जोड़ना और घटाना सीखें।
5 मिनट का अभ्यास: लेफ्ट-टू-राइट जोड़ना सीखें। जैसे 548+375 को इस तरह जोड़ें:
500+300=800
40+70=110
8+5=13
टोटल: 800+110+13=923
यूनिक पॉइंट: बाजार में खरीदारी करते समय या किसी बिल का टोटल लगाते समय जानबूझकर कैलकुलेटर का इस्तेमाल न करें। यहां भी आप दिमाग को इस्तेमाल करने की चुनौती दें।
परसेंटेज का क्विक आईडिया
क्या करें: 10%, 20%, 50%, 25% जैसे आसान परसेंटेज वैल्यू को जल्दी से निकालना सीखें।
5 मिनट का अभ्यास: रैंडमली कोई भी नंबर लें जैसे 640 और उसका 10% (64), 25% (160) और 50% (320) तुरंत निकालें।
यूनिक पॉइंट: डेली 1/2=50%, 1/4=25%, 1/8=12.5%, 1/3=33.33% जैसे फ्रैक्शन-टू-परसेंटेज वैल्यू को याद करें।
यह डेटा इंटरप्रिटेशन में भी बहुत काम आता है।
नंबरों के साथ खेलना
क्या करें: अपने आस-पास के नंबरों में पैटर्न ढूंढें।
5 मिनट का अभ्यास: किसी भी टू-डिजिट नंबर को लें जैसे 73 और उसे 9 या 11 से मल्टीप्लय करने का अभ्यास करें।
73×11=803, 73×9=657 क्योंकि 73×10−73।
यूनिक पॉइंट:
हर बार जब आप कोई फोन नंबर डायल करें तो उस नंबर में छुपे हुए पैटर्न को खोजने की कोशिश करें। क्या कोई नंबर दोहराई जा रही है? क्या उनमें कोई अंतर है? ये आदत आपके दिमाग को रीजनिंग पैटर्न पहचानने के लिए ट्रेंड करेगी।
इन 5 मिनट की मेंटल प्रैक्टिस को अपना डेली रूटीन बना लें। यही छोटी सी आदत आपको एमपी पुलिस की परीक्षा में सफलता की गारंटी देगी।
💡 क्यों जरूरी है यह 5 मिनट का अभ्यास
रीजनिंग सेक्शन में खासकर नंबर सीरीज, कोडिंग-डिकोडिंग और एनालॉजी जैसे टॉपिक्स में सवालों को हल करने के लिए प्लस (+), माइनस (-), गुणा (x), और भाग (÷) की जरूरत पड़ती है। अगर आप इन छोटे-छोटे कैलकुलेशन के लिए भी पेन उठाते हैं, तो...
समय की बर्बादी (Time Waste):
हर सवाल पर 5-10 सेकंड एक्स्ट्रा लगते हैं जो पूरी परीक्षा में 5 से 10 मिनट बर्बाद कर देते हैं। याद रखें: कॉम्पिटिशन में 1 सेकंड भी बहुत कीमती होता है।
एकाग्रता में कमी (Loss of Concentration):
बार-बार पेन उठाने और रखने से आपकी फ्लो ऑफ थॉट टूटती है।
दिमाग की सुस्ती (Mental Laziness):
दिमाग को 'आसान रास्ता' ढूंढने की आदत पड़ जाती है, जिससे मुश्किल सवालों में आपकी सोचने की क्षमता कम हो जाती है।
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खान सर स्टाइल में रीजनिंग की तैयारी के इजी स्टेप्स
आपने मशहूर टीचर खान सर को कहते सुना होगा कि "किताबें सिर्फ गाइड करती हैं, असल में लड़ाई तो दिमाग में जीती जाती है।" उनका सीधा-सा फंडा है - मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे।
रीजनिंग (Maths) में भी यही लागू होता है। अक्सर हम पेन-पेपर लेकर आसान से जोड़-घटाव में भी समय बर्बाद कर देते हैं। खान सर की सलाह की तरह आपको अपने दिमाग को ही एक सुपर-फास्ट कैलकुलेटर बनाना होगा। इसके लिए, रोज केवल 5 मिनट का ये अभ्यास आपके सोचने की क्षमता और प्रोसेसिंग स्पीड को रॉकेट की तरह बढ़ा देगा।
कांसेप्ट पर फोकस:
सबसे पहले, हर टॉपिक जैसे सिलोगिज्म, कोडिंग-डिकोडिंग का बेसिक कांसेप्ट क्लियर करने हैं। उनका मानना है कि जब तक नींव मजबूत नहीं होगी, स्पीड नहीं आएगी।
डायग्राम से दोस्ती:
वे सिलोगिज्म और वेन डायग्राम जैसे टॉपिक्स को मिनिमम डायग्राम बनाकर या मानसिक रूप से सॉल्व करने की टेक्निक सिखाते हैं। इससे पेन-पेपर का यूज कम होता है।
A से Z की रटाई नहीं, समझ:
वो अक्षरों की वैल्यू को रटने के बजाय, उसे तुरंत निकालने की ट्रिक पर जोर देते हैं। जैसे, 'K' दिखते ही दिमाग में 11 आना चाहिए।
ऑब्जर्वेशन ही स्पीड है
उनका मानना है कि पैटर्न को ऑब्जर्व करो, कैलकुलेट कम। सीरीज या एनालॉजी में देखो कि क्या यह स्क्वायर, क्यूब या प्राइम नंबर का पैटर्न है।
समय देखकर प्रैक्टिस
खान सर हमेशा टाइम मैनेजमेंट पर जोर देते हैं। वह कहते हैं कि प्रैक्टिस करते समय स्टॉपवॉच लगाओ और देखो कि एक सवाल पर तुम कितना समय ले रहे हो। स्पीड ऐसे ही बढ़ेगी।
ऑप्शन एलिमिनेशन
पूरा सवाल सॉल्व करने के बजाय, वह सिखाते हैं कि कैसे ऑप्शंस को देखकर गलत जवाबों को तुरंत हटा दो। इससे जवाब तक पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है और समय बचता है।
तो MP Constable Exam 2025 में आज से ही, इस बिना पेन-पेपर वाली चैलेंज को एक्सेप्ट करें। एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2025 के लिए अपने दिमाग को ट्रेन करें।
जब आप पेपर में बिना किसी रुकावट के सवालों को रॉकेट की स्पीड से सॉल्व करेंगे तब आपको महसूस होगा कि यह 5 मिनट की प्रैक्टिस कितनी काम की थी।
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