महाकुंभ 2025: अब डिजिटल स्नान भी, फोटो को गंगा में डुबाकर धुलवा रहे पाप

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में एक अनोखी सेवा चर्चा में आ गई है। यहां का एक स्थानीय व्यक्ति उन लोगों के लिए 'डिजिटल स्नान' की पेशकश कर रहा है, जो खुद मेले में नहीं पहुंच सकते।

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Sandeep Kumar
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महाकुंभ अपने अंतिम चरण में है, लेकिन प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर 'डिजिटल स्नान' का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बिना प्रयागराज आए स्नान का दावा किया जा रहा है। इस सेवा में 1100 रुपए देकर अपनी फोटो भेजनी होती है, जिसे संगम में प्रतीकात्मक रूप से डुबकी लगवाई जाती है।

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क्या है 'डिजिटल स्नान' और कैसे होता है?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार, श्रद्धालु अपनी फोटो व्हाट्सएप (WhatsApp) पर भेजते हैं। फिर सेवा देने वाला व्यक्ति फोटो का प्रिंटआउट निकालकर संगम (Sangam, Prayagraj) में प्रतीकात्मक रूप से डुबकी लगाता है। इस सेवा की 1100 रुपए (₹1100) फीस रखी गई है।

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क्या वाकई डिजिटल स्नान से पुण्य मिलेगा?

क्या डिजिटल स्नान से वाकई लोगों को पुण्य मिलेगा? इसको लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

1. कुछ लोगों ने इसे श्रद्धा से खिलवाड़ बताया।
2. कुछ ने इसे एक अनोखा स्टार्टअप माना।
3. कुछ ने धर्म का मज़ाक करार दिया।
4. एक यूजर ने लिखा, "क्या वाकई ऐसा करने से पुण्य मिलेगा?"
5. कई लोगों ने इस पर नाराजगी जाहिर की और इसे पैसे कमाने का नया तरीका बताया।

500 रुपए में 'डिजिटल' गंगा स्नान 

सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी वायरल हो रहा है, जिसमें 500 रुपए (₹500) में गंगा स्नान कराने का दावा किया गया है।

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श्रद्धालु भेजते हैं फोटो

फोटो की फोटोकॉपी गंगा में प्रवाहित की जाती है।
पुण्य श्रद्धालु के खाते में दर्ज हो जाता है!
धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठे
कुछ धार्मिक गुरुओं ने इसे फर्जी करार दिया।

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धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठे

1.कुछ धार्मिक गुरुओं ने इसे फर्जी करार दिया।
2. कुछ लोगों ने कहा कि यह डिजिटल युग का मज़ाक बन रहा है।
3. दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इसे उन श्रद्धालुओं के लिए अच्छा विकल्प बताया, जो यात्रा नहीं कर सकते।

 

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