धर्म संसद 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 13 जनवरी से शुरू हुए इस महाकुंभ में साधु-संतों का जमावड़ा हो चुका है। इस ऐतिहासिक आयोजन में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन होगा, जिसमें देश भर से प्रमुख साधु-संत, चारों पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल होंगे।
सनातन बोर्ड के गठन पर प्रस्ताव
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि धर्म संसद के दौरान सनातन बोर्ड (Sanatan Board) के गठन पर गंभीर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव धर्म संसद में पारित किया जाएगा और इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। हमारा उद्देश्य सनातन धर्म को संरक्षित करना और इसे मजबूती प्रदान करना है।"
वक्फ बोर्ड पर सवाल और सनातन बोर्ड की जरूरत
महंत रविंद्र पुरी ने वक्फ बोर्ड (Waqf Board) पर सवाल उठाते हुए कहा, "पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास 9 से 10 लाख एकड़ भूमि है। यह भूमि कहां से आई? हमें इसका जवाब चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों और मठों की भूमि पर लगातार कब्जा किया जा रहा है, जबकि वक्फ बोर्ड अपनी संपत्तियों का विस्तार करता जा रहा है। इसी कारण सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता महसूस की गई।
धर्म संसद में होगा प्रारूप तय
महंत पुरी ने बताया कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड का प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसमें देश के सभी मठों, मंदिरों और संत समाज की सहमति ली जाएगी। इस बोर्ड का उद्देश्य सनातन धर्म की संपत्तियों की सुरक्षा करना और धार्मिक स्थलों को सशक्त बनाना होगा।
साधु-संतों की एकजुटता
उन्होंने आगे कहा, "हमारा प्रयास है कि धर्म संसद में सभी साधु-संत, महामंडलेश्वर और मठों के प्रमुख शामिल हों। इस मुद्दे पर एकजुट होकर फैसला लिया जाएगा। सनातन बोर्ड का गठन सनातन धर्म की रक्षा और उसकी संपत्तियों को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।"
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