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BHOPAL. हमेशा अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मप्र कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने 18 अप्रैल को पुलवामा हमले को समर्थन किया है। एक इंटरव्यू में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने कहा- पुलवामा हमले की एक वजह केंद्र सरकार की खामी को बताया है। दरअसल, सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले यहां के आखिरी राज्यपाल थे। जिस वक्त पुलवामा हमला हुआ, उस वक्त भी वह राज्यपाल के पद पर आसीन थे। सत्यपाल मलिक के इस इंटरव्यू के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले यहां के आखिरी राज्यपाल थे।
बजरंग दल के लोग करते हैं आईएसआई की जासूसी
मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने सत्यपाल मलिक के बयान का समर्थन करते हुए कहा- बीजेपी के आईटी सेल और बजरंग दल के लोग आईएसआई से पैसे लेकर जासूसी करते हैं। पुलवामा अटैक के दौरान ही इंटेलिजेंस फेलियर होने का खुलासा हो गया था। दिग्विजय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सतना में बजरंग दल का अध्यक्ष और भोपाल में ध्रुव सक्सेना के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। लेकिन देशद्रोह का मामला राज्य सरकार ने दर्ज क्यों नहीं किया। जमानत कैसे हो गई। इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए
गृह मंत्री पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लवलेश तिवारी को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को लवलेश तिवारी के मामले में भी नरोत्तम मिश्रा को बोलना चाहिए। आखिर बालाघाट में लवलेश 2021 में था तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जब उसके संपर्क रेत माफिया से थे।
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यूपी हत्याकांड की हो जांच
अतीक-अहमद के एनकाउंटर पर दिग्विजय ने कहा- यूपी सरकार को पुलिस कस्टडी में हुई हत्या की जांच करना चाहिए। लेकिन इस हत्याकांड के कुछ ऐसे सवाल भी हैं जिनके जवाब सिर्फ सीबीआई या ईडी ही ढूंढ सकती है। अतीक अहमद माफियाओं का सरगना था, ऐसे में बड़े से बड़े अधिकारी और बिल्डरों के नाम उजागर होंगे। अतीक अहमद ने पहले भी हत्या की आशंका जताई थी और कहा था कि पुलिस अभिरक्षा में उसकी हत्या हो सकती है। जिस तरह से हत्या हुई है वह पूरी तरीके से गलत है। पुलिस सुरक्षा के बीच रास्ते में हत्या होना यूपी पुलिस की बड़ी खामी है। तीन लोग आकर हत्या कर देते हैं।