Bhopal. लोग सरकारी अस्पताल के स्थान पर निजी अस्पतालों पर ज्यादा विश्वास जता रहें हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा निजी अस्पतालों में मरीजों संख्या ज्यादा है। इस बात का खुलासा लोक लेखा समिति की बैठक में हुआ। इस पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव का कहना है कि, आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पतालों में इलाज हो रहा है। इसलिए लोग सरकारी की जगह निजी अस्पताल ज्यादा जा रहे है। समिति के सभापति पीसी शर्मा ने कहा कि, सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जरुरी सुविधाएं नहीं मिल रही है। इसमें तुरंत सुधार की जरुरत है। पीसी शर्मा ने कहा कि, इसलिए निजी अस्पतालों में 56 और सरकारी अस्पतालों में 44 फीसदी मरीज जा रहे हैं।
सवालों के जवाब नहीं दे पाए अधिकारी
बैठक के दौरान लोक लेखा समिति के सदस्यों ने कई तरह के सवाल उठाए। सदस्यों ने कहा कि, सरकारी अस्पतालों में चाहे चिकित्सा शिक्षा विभाग के मेडिकल कॉलेज हों या स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल। मरीजों को सीटी स्कैन तक की सुविधा नहीं मिलती। समिति ने पूछा, रोगी कल्याण समितियों की बैठकें नहीं हो रही है, जिससे राजधानी के जेपी, कैलाशनाथ काटजू और हमीदिया जैसे अस्पतालों में मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है।
समितियों को अनुदान देने की होगी जांच
बैठक में गैर रजिस्टर्ड समितियों को अनुदान देने का मामला भी उठा। उसके लेकर समिति के सभी सदस्यों ने एक राय होकर कहा कि, इसकी जांच होनी चाहिए। 2006-2008 की आडिट आपत्तियों का अब तक जवाब नहीं आया। जो भी दोषी अधिकारी हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ऐसे में अब नए सिरे से जांच की जाएगी।