सिवनी में सामने आया 11 करोड़ का घोटाला, 279 जिंदा लोगों को मृत बताया और हजम की राशि, बाबू पर मामला दर्ज

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Rajeev Upadhyay
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सिवनी में सामने आया 11 करोड़ का घोटाला, 279 जिंदा लोगों को मृत बताया और हजम की राशि, बाबू पर मामला दर्ज

विनोद यादव, SEONI. सिवनी जिले के केवलारी तहसील में राहत की राशि में बड़ा घोटाला सामने आया है। मध्य प्रदेश शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों और उनके परिजनों को दी जाने वाली राहत राशि में करीब 11 करोड़ 16 लाख के गबन का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद केवलारी तहसीलदार हरीश लालवानी के निर्देश पर पुलिस थाना केवलारी में सहायक ग्रेड -3 कर्मचारी सचिन दहायत के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कलेक्टर ने आरोपी को सस्पेंड कर दिया है। फिलहाल आरोपी फरार है।



इस तरह किया घोटाला



जानकारी के मुताबिक केवलारी तहसील कार्यालय में पदस्थ क्लर्क सचिन दहायत द्वारा आधा सैकड़ा लोगों को अनुचित लाभ दिलाया गया है। उसने 279  मृत लोगों के नाम की राशि  44 लोगों के खाते में डाली है और राशि निकाली है। एक ही खाते में बार-बार राशि डाली गई है। इसके 81 बिल लगाए गए हैं। इस तरह उसने 11 करोड़ 16 लाख का घोटाला किया है। कलेक्टर राहुल हरिदास फटिंग ने सचिन दहायत को सस्पेंड कर दिया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।अब पुलिस इन सभी के खाते खंगाल रही है।



कौन-कौन हैं शामिल



इस घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं। इसकी जांच भी की जा रही है।इस मामले में क्षेत्रीय विधायक राकेश पाल सिंह ने कहा कि यह काम किसी एक व्यक्ति या कर्मचारी का नहीं है। इसमें बहुत से लोग शामिल हैं।



एसपी सिवनी रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि तहसीलदार केवलारी द्वारा अपने अधीनस्थ क्लर्क सचिन दहायत के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। उसने मध्य प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्राकृतिक आपदाओं में आकस्मिक मौत होने पर दी जाने वाली राहत राशि का दुरुपयोग किया है। इसमें 81 बिल लगाए गए हैं। खातों की जांच की जाएगी। जो बोगस खाते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



मुआवजे की प्रक्रिया



प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के मामले में कलेक्टर के आदेश पर संबंधित इलाके का पटवारी मौका का मुआयना करता है। नुकसान की रिपोर्ट बनाता है। पटवारी अपनी रिपोर्ट संबंधित तहसीलदार को देते हैं। तहसीलदार प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम के सामने पेश करते हैं। एसडीएम प्रभावितों की संख्या और मुआवजा राशि को क्रॉसचैक करने के बाद ऑर्डर जारी करते हैं। ये ऑर्डर तहसील के नाजिर (अमूमन सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी होता है) के पास जाता है। नाजिर ही मुआवजे की राशि पीड़ितों के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए ट्रेजरी को फाइल भेजता है। यानी मुआवजा वितरण से पहले फाइल पटवारी से लेकर एसडीएम तक जाती है। आखिरी कड़ी नाजिर होता है, जो प्रकरणों को ट्रेजरी में भेजता है।

 


सिवनी न्यूज बाबू पर एफआईआर दर्ज 11.16 करोड़ का घोटाला जिंदा लोगों को मरा बता किया घोटाला FIR registered on Babu 11.16 crore scam by telling alive people as dead Seoni News