संजय गुप्ता, INDORE. पैरामेडिकल कॉलेज में करीब दस साल पहले सामने आए छात्रवृत्ति घोटाले में जबलपुर हाईकोर्ट ने कुर्की कर राशि वसूली केआदेश दिए हैं। इस सूची में इंदौर के 19 कॉलेजों से 11.68 करोड़ की राशि की वसूली करना है। आदेश के बाद गुरुवार को जिला प्रशासन ने सक्रिय होते हुए अलग-अलग तहसीलदारों की टीम बनाकर कॉलेजों की कुर्की करना शुरू कर दिया है। कुल 13 लाख रुपए की राशि वसूली हुई है। हालांकि, इन 19 कॉलेजों में से केवल नौ से ही वसूली हो सकेगी, क्योंकि दस ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है और तीन की संपत्तियां अभी प्रशासन तलाश रहा है। बाकी छह कॉलेजों के यहां टीम पहुंच गई है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी ने कहा कि जिन कॉलेजों ने स्टे लिया है। इसे भी हटवाने के लिए हम हाईकोर्ट जा रहे हैं। कलेक्टर के आदेश पर अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर नोडल अधिकारी हैं और टीम द्वारा पूरी कार्रवाई कराई जा रही है।
इन छह कॉलेजों के खाते भी सीज, यहां हो रही कार्रवाई
- 1 ग्रेटर मालवा इंस्टीट्यूट ऑफ पेरामेडिकल कॉलेज- वसूली राशि एक करोड़ 80 हजार रुपए
अरिहंत कॉलेज से 85 लाख की वसूली होना थी लेकिन बताया जा रहा है कि उसने भी स्टे ले लिया है। अपर कलेक्टर डॉ. बेडेकर ने बाकी छह कॉलेजों के बैंक खाते सीज करने के आदेश कर दिए हैं।
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किस जिले से कितनी राशि वसूल होना है?
प्रदेश के कुल 92 कॉलेजों से 24 करोड़ की राशि वसूली की जाना है इसमें आधी राशि इंदौर के पेरामेडिकल कॉलेजों से ही वसूल होना है। वहीं अभी तक 5.20 करोड़ रुपए ही वसूल हुए हैं।
- इंदौर के 19 कॉलेजों से 11.68 करोड़
यह है छात्रवृत्ति घोटाला
साल 2012-13 के दौरान इस घोटाले का खुलासा हुआ था। इसमें है कि कॉलेजों ने एसटी, एससी छात्रों के दस्तावेज लेकर उन्हें अपने यहां एडमिशन होना बता दिया और इसकी छात्रवृत्ति शासन से ले ली। घोटाला उजागर होने के बाद इंदैर में तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने इसकी जांच भी कराई थी। तभी से यह मामला शासन की नजर में आया और लगातार वसूली की कोशिश चल रही है, अब जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश से यह वसूली हो रही है।