Gwalior. बात 24 फरवरी 2010 की है, ठीक 13 साल पहले आज ही के दिन ग्वालियर ही नहीं पूरे देश में दीवाली मनाई गई थी। जी हां, आप सोच रहे होंगे कि फरवरी के फागुन में कैसी दीपावली। तो हम बात कर रहे हैं ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के करियर के दोहरे शतक की जो उन्होंने आज ही के दिन ठोंका था और वन डे इंटरनेशनल के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे।
सीएम शिवराज ने की थी सचिन के नाम सड़क की घोषणा
सचिन तेंदुलकर ने जब मध्यप्रदेश की धरती पर यह अनोखी पारी खेली। जो उस वक्त हर क्रिकेटर के लिए वन डे क्रिकेट में नामुमकिन सी लगती थी। सचिन की इस पारी के बाद देश का हर क्रिकेट प्रेमी या कहें कि पूरा देश काफी खुश था। सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद सचिन के इस कारनामे के बाद कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम पहुंचे थे। वे मैदान पर पहुंचने के लिए ललायित थे। पर मीडिया की माइक आईडी और कैमरों ने उन्हें ढंक सा दिया था। सीएम ने सचिन की प्रशंसा में दो चार लाइनें जल्दी-जल्दी बोली और मैदान की तरफ बढ़ने की कोशिश में थे कि तभी कलेक्टर ने उनके कान में कुछ फुसफुसाया और फिर उन्होंने कहा कि ग्वालियर की एक सड़क मास्टर ब्लास्टर सचिन के नाम की जाएगी।
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ज्योतिरादित्य ने भेंट किया था चांदी का बल्ला
बता दें कि इस आतिशी पारी के बाद तत्कालीन मप्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन तेंदुलकर को एक चांदी का बल्ला भेंट किया था। सिंधिया इस बात से बेहद खुश भी थे कि सचिन ने यह महान उपलब्धि ग्वालियर की जमीन पर हासिल की। बता दें कि ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम की बात करें या मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की दोनों से ज्योतिरादित्य ही नहीं बल्कि उनके पिता स्व माधवराव सिंधिया को भी काफी लगाव था।
सचिन जब 175 पर आउट हुए तो कई लोगों को पड़े थे दिल के दौरे
इस मैच से अलग दूसरे मैच की बात की जाए तो एक बार सचिन दोहरे शतक के बेहद करीब थे। वे 175 रन बना चुके थे। तभी सचिन आउट हो गए। बड़ी बात यह भी थी कि सचिन के आउट होते ही टीम इंडिया भी बिखर गई और मैच में हार का सामना करना पड़ गया था। उससे बड़ी बात यह थी कि उस मैच को देखते हुए देश में कई क्रिकेट प्रेमियों को दिल के दौरे पड़े थे। कभी वरिष्ठ खेल पत्रकार रहे जनसत्ता अखबार के संपादक प्रभाष जोशी को भी उस मैच को देखते वक्त दिल का दौरा पड़ा था और उनका निधन हो गया था।