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Jabalpur. जबलपुर में स्थित नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध के दो और गेट खोल दिए जाने के बाद नर्मदा अपने पूरे वेग के साथ बह रही हैं। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर नर्मदा तटों पर आगामी आदेश तक नौकायन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बाबत एसडीएम गोरखपुर ने आदेश जारी कर दिए हैं। नर्मदा तटों में जल स्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ग्वारीघाट में ज्यादातर मंदिर डूब चुके हैं वहीं उमाघाट में बना पार्क डूब गया है। वहीं तिलवाराघाट में पुराना पुल पानी के अंदर खो चुका है।
पानी के अंदर ओझल हुआ भेड़ाघाट
जबलपुर स्थित विश्वप्रसिद्ध भेड़ाघाट का धुआंधार वाटरफॉल नर्मदा के अथाह जल में ओझल हो चुका है। सोशल मीडिया में यह खबर फैलने के बाद लोग इस नजारे को देखने के लिए भी भेड़ाघाट पहुंचने लगे। हालांकि प्रशासन ने इस समय नर्मदा तटों से दूर रहने की अपील लोगों से कर रखी है। बावजूद इसके लोग नर्मदा के इस स्वरूप को देखने तटों पर पहुंच रहे हैं।
बरगी बांध से वर्तमान में 1 लाख 48 हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है। बरगी बांध के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने बताया कि बांध का जल स्तर 422.55 मीटर दर्ज किया गया। जो कि पूर्व जलभराव से आधा मीटर कम है। उन्होने बताया कि 15 गेटों को 2.03 मीटर खोला गया है। बांध से छोड़े जा रहे पानी के चलते तटों पर नर्मदा का जलस्तर 28 से 30 फुट बढ़ गया है।
बारिश में लगा ब्रेक
फिलहाल जबलपुर और उसके आसपास भारी बारिश के आसार कम हैं। बुधवार से आसमान में धूप खिल रही है और बीच-बीच में हल्की खंडवर्षा दर्ज की जा रही है। हालांकि आने वाले वक्त में यदि भारी बारिश का एक दौर और आता है तो फिर नर्मदा तटों पर यही नजारा देखे जाने की उम्मीद है। हालांकि ऐसा कई वर्षों में कभी-कभार ही हो पाता है।