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Damoh. दमोह जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डॉ आरती शुक्ला पांडे के द्वारा केंद्रीय विद्यालय के आडिट के लिए रिश्वत मांगने वाले 3 आरोपियों को 4- 4 साल की सजा और 14-14 हजार रूपए के अर्थ दंड की सजा से दंडित किया है। मामला 7 साल पुराना है।
आरोपियों में तत्कालीन सीनियर अकाउंटेंट ऑफिसर जीएस यादव, तत्कालीन सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर एलके श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर अशोक पाल शामिल हैं।
अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अनंत सिंह ठाकुर द्वारा की गई। घटना के अनुसार पांच मई 2016 को केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य आवेदक अनूप अवस्थी ने लोकायुक्त कार्यालय में उपस्थित होकर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को एक आवेदन दिया। जिसमे बताया की जीएस यादव सीनियर ऑडीटर एजी ऑडिट शाखा ग्वालियर एवं उनके सहयोगी एलके श्रीवास्तव सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर एवं अशोक पाल सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर के द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है।
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उक्त आवेदन में प्रार्थी द्वारा बताया गया कि वह केंद्रीय विद्यालय दमोह में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। विद्यालय में महानिदेशक लेखा परीक्षा केन्द्रीय प्राप्ति नयी दिल्ली के कार्यालय शाखा ग्वालियर से तीन सदस्यीय ऑडिट टीम के साथ आए हैं। टीम के मुखिया जीएस यादव एवं उनके सहयोगियों ने पहले दिन ही हमारे कार्यालय प्रभारी राना उराव से पूछा कि हमारे लिये खाना, पीना, होटल खर्च के अलावा और क्या व्यवस्था है। तब राना ने इसकी सूचना मुझे अगले दिन तीन मई को मौखिक रूप से दी । जब श्री राना द्वारा किसी भी प्रकार की रिश्वत देने से मना किया तो जीएस यादव व उनके साथियों के द्वारा ऑडिट हेतु मांगे गए समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद भी अनावश्यक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया।
ऑडिट के मुखिया एवं सदस्यों ने अपरोक्ष रूप से विद्यालय के कर्मियों से सुविधा शुल्क के रूप में रिश्वत की मांग शुरू कर दी। इसके बाद दिनाक 4 मई को जीएस यादव ने स्वयं मुझसे कुछ समझने के लिए कहा और मुझसे सीधे ही 20,000 रूपये रिश्वत की मांग की। संपूर्ण कार्रवाई बाद आरोपी जीएस यादव सीनियर ऑडीटर एजी ऑडिट शाखा ग्वालियर के द्वारा रिश्वत की मांग करना प्रथम दृष्टया पाए जाने पर एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
न्यायालय द्वारा प्रकरण के विचारण बाद अभियोजन द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य, तर्क व न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा मंगलवार को पारित निर्णय में आरोपी जीएस यादव, एलके श्रीवास्तव, अशोक पाल को दोष सिद्ध पाते हुए 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 14000-14000 का अर्थदंड लगाया।