ग्वालियर. जयारोग्य अस्पताल (Jayarogya Hospital Gwalior) से 370 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी हो गई। खास बात ये है कि कोरोना की दोनों लहर के बीच ये सिलेंडर दान में मिले थे। एक सिलेंडर की कीमत 12 हजार रुपए हैं। कोरोना के दौरान ये काफी महंगे मिल रहे थे। चोरी के महीनों बाद प्रशासन जागा और अब जाकर JAH के नोडल ऑफिसर ऑक्सीजन डॉ. आशीष माथुर ने मामले की लिखित शिकायत कंपू थाना में की। जिस पर कंपू थाना पुलिस ने जांच के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी (Oxigen cylender stolen) का मामला दर्ज किया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि ये अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है या कोई घोटाला (scam)?
पता चलने के बाद भी कार्रवाई नहीं
कोरोना की पहली और दूसरी लहर (corona Second wave) में सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन की हुई थी। इस समय कई संस्थाओं और लोगों ने JAH में ऑक्सीजन सिलेंडर दान दिए थे। सिलेंडर का उपयोग अस्पताल में इलाज के दौरान किया गया था। धीरे-धीरे सिलेंडर मीसिंग होते गए। दूसरी लहर के बाद जब ऑक्सीजन सिलेंडर की गिनती हुई तो 200 सिलेंडर मिसिंग पाए गए। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद अभी की स्थिति में 600 में से 370 सिलेंडर मिसिंग हो गए हैं।
घोटाले की आशंका जताई जा रही
अस्पताल से सिलेंडर चोरी होने के पीछे प्रशासन का हाथ बताया जा रहा है। क्योंकि चोरी होने की बात उस समय की बताई जा रही है। जब ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था। उस दौरान JAH में पुलिस छावनी बनी हुई थी। ऐसे में कोई इतनी संख्या में कैसे ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी कर सकता है। इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर गायब होने के पीछे घोटाले की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि, सारे मामले का खुलासा पुलिस के जांच के बाद ही होगा।
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