INDORE. प्रदेश में नकली नोटों को चलाने की कोशिशों को पुलिस लगातार नाकामयाब कर रही हैं। ऐसा ही एक मामला इंदौर के कनाडिया थाना क्षेत्र में सामने आया है। यहां विदिशा से आए कुछ युवक शराब की दुकान पर नकली नोट चलाने की कोशिश कर रहे थे। तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 28,000 रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
एक बीना और तीन आरोपी विदिशा के हैं
विदिशा से इंदौर आए चार आरोपियों के नाम संदीप सिंह पंजाबी निवासी बीना, मनिंदर सिंह खरबंदा निवासी विदिशा, विकास शर्मा निवासी विदिशा और राहुल लोधी विदिशा शामिल है। चारों आरोपी सफेद रंग की कार से आए थे। पुलिस ने कार भी जब्त की है। अब चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर आगे की रिमांड लेगी और पूछताछ करेगी।
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मौके पर 28 हजार रुपए किए गए बरामद
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की। इसमें इन्होंने बताया कि हम नकली नोट की खेप पंजाब के लुधियाना शहर से लेकर आए थे। इन नोटों को जल्द खपाने के लिए वह शराब की दुकान पर गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नोट बाजार में चलाने से पहले ही पकड़ लिया। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 28 हजार रुपए के नकली नोट भी बरामद किए है।
आष्टा में नकली नोट के आरोपियों को मिली थी चार साल की सजा और अर्थदंड
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कंचन सक्सेना की कोर्ट ने आष्टा में नकली नोट के मुख्य आरोपी को दोषी पाते हुए पांच साल की सजा व 4500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अपर लोक अभियोजक विजेन्द्र सिंह ठाकुर के अनुसार घटना 30 जून 2020 की है। धर्मेंद्र पिता चम्पालाल वर्मा निवासी हर्राजखेड़ी ने एक लिखित रिपोर्ट आष्टा थाने में लिखवाई थी कि 4 वर्ष पहले सुरेन्द्र पिता रंजीत सिंह सेंधव निवासी बडलिया को लोन पास कराने के लिए 8 हजार रुपए दिए थे। जब लोन पास नहीं करा पाया तो मैं सुरेन्द्र से पैसे मांग रहा था। सुरेन्द्र पैसे देने में आनाकानी कर रहा था। 30 जून 2020 को राहुल पिता हिंदू सिंह निवासी लंगापुरा आष्टा ने मुझे शाम करीब 4.30 बजे फोन कर बताया कि तुम्हारे पैसे जो सुरेन्द्र से लेना है वह चाय की दुकान के पास आकर ले लो। मैं जब वहां पहुंचा तो राहुल ने मुझे 50-50 के 100 नोट यानी कुल पांच हजार रुपए की गड्डी दी। आष्टा में सामान खरीदने पर दुकानदार ने बताया कि यह नोट असली नहीं नकली हैं। मैंने ओर लोगों को भी बताया तो उन्होंने भी देखकर नकली होना ही बताया। इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन की ओर से साक्ष्य कराई गई।