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Jabalpur. जबलपुर में वाहन मालिक पिछले चार माह से रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस के चक्कर काटकर परेशान हैं। उनकी समस्या का हल नहीं निकल रहा। आरटीओ में नए लाइसेंस नहीं बन रहे और न ही रजिस्ट्रेशन कार्ड बन रहे हैं। आरटीओ ने इस मामले में सारा ठीकरा भोपाल पर फोड़ दिया है। उनका कहना है कि अधिकारियों को समस्या से अवगत करा दिया है। अब शासन को कार्ड सप्लाई करने वाली कंपनी पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जबलपुर में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कार्ड और लायसेंस के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। वर्तमान में यहां करीब साढ़े 4 हजार लायसेंस पेंडिंग हैं। लोगों को लायसेंस नहीं मिल पा रहे जिससे उनमें आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पुलिस वाहन चैकिंग के दौरान यह बात बिल्कुल नहीं समझती कि उनके पास लायसेंस क्यों नहीं है। उसे केवल चालान काटने से मतलब रहता है। आरटीओ पहुंचे तो अधिकारी कार्ड जारी न होने पर अपनी मजबूरी बता देते हैं।
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साढ़े चार हजार लाइसेंस पेंडिंग
आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि वेंडर कंपनी लंबे समय से कच्चे माल की आपूर्ति में लापरवाही कर रही है। इस संबंध में मुख्यालय के अधिकारियों का अवगत कराया है। विधानसभा में भी इस बाबत जानकारी मांगी गई थी। फिलहाल प्रदेश शासन ने वेंडर कंपनी पर पेनल्टी लगाई है, लेकिन कंपनी की गलती के कारण हमें लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। आरटीओ ने कहा कि इस संबंध में वेंडर कंपनी पर शासन को और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। जिले में अभी साढ़े 4 हजार के करीब लायसेंस पेंडिंग हैं जिससे निश्चित रूप से लोग परेशान हो रहे हैं।
जनता परेशान
गलती किसी की भी हो लेकिन परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है। लाइसेंस बनवाने रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस आए वाहन मालिकों का कहना है कि वे कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनको भटकाया जा रहा है। कब लाइसेंस मिलेगा कोई नहीं बता रहा।उधर पुलिस रोज सुबह शाम चौराहों पर चेकिंग अभियान छेड़ कर रखी है और लोग मजबूरन चालान कटवाने पर विवश हैं।