/sootr/media/post_banners/aa9d0dab7aaacf7146011a1a85d0366c5fa5cc487fb48681b561e28290b55344.jpeg)
योगेश राठौर, INDORE. इंदौर में लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियां तेजी से फैल रही है। यह खुलासा सांसद सेवा संक्लप, सेंट्ल लैब, आईएमए और रेडक्रास द्वारा किए गए सर्वे से हुआ है। सर्वे में एक लाख 113 लोगों के विविध स्तर पर ब्लड सैंपल लिए गए और इनके आठ लाख से ज्यादा जांच हुई जिसमें मुख्य तौर पर कोलेस्ट्राल, क्रिएटिन, प्रोटीन आदि की जांच की गई। इन जांचों से सामने आया है कि 48 फीसदी लोगों की रिपोर्ट असामान्य है और वह भविष्य में गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। इस सर्वे मैं 51% पुरुष और 49% महिलाएं सम्मिलित थी और इस सर्वे की खास बात यह है कि ज्यादातर असामान्य मापदंड पुरुषों में मिले हैं यानी इंदौर की एक्टिवली वर्किंग आबादी ओर खतरा ज्यादा है। वहीं सर्वे में एक और दिलचस्प बात यह पाई गई कि निम्न आय समूह, मध्य आय समूह और उच्च आय समूह में से मध्य आय समूह के रक्त के नमूनों में असामान्यता अधिक पाई गई यानी मिडिल क्लास को लाइफ स्टाइल डिसीज होने के खतरे सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार 30 से 50 साल की आबादी अधिक प्रभावित मिली।
यह आठ तरह की जांच की गई थी
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि अभियान का विचार तब आया जब डॉ. विनीता कौठारी ने कहा कि इंदौर में लाइफ स्टाइल संबंधित बीमारियां बढ़ रही है और इसका एक डिटेल सर्वे होना चाहिए। फिर सांसद सेवा, संकल्प रेड क्रॉस, डॉ. विनीता कोठारी की संस्था और आईएमए के साथ मिलकर एक बड़े सर्वे की योजना बनी और एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। कोलेस्ट्रॉल, क्रिएटिन, प्रोटीन, क्रिएटिन पल्स कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज प्लस क्रिएटिन, ग्लूकोज एएलटी (एसजीपीटी), सिरम, ग्लूकोज प्लस कोलेस्ट्रॉल तथा ग्लोकोज, प्लस क्रिएटिन व कोलेस्ट्रॉल की गई थी। इसके अलावा ब्लड प्रेशर चेक किए गए थे। इनमें कोलेस्ट्रॉल 16.70% लोगों में, क्रिएटिन 3.54% लोगों में, एएलटी (एसजीपीटी) 5.6% लोगों में तथा प्रोटीन संबंधी 12.86% लोगों में अबनॉर्मलिटी पाई गई।
सर्वे में यह फैक्ट आए सामने
इस सर्वे को दुनिया का सबसे बड़ा प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वेक्षण बताया जा रहा है, जिसे ‘हेल्थ ऑफ इंदौर’ नाम के लाइफ स्टाइल डिसीज सर्वे कहा गया है। इसमें कई फैक्ट सामने आए हैं। कुल मिलाकर 1,00,113 लोगों के 8 बायोमैडिकल पैमानों टेस्ट किए गए और इसके मुताबिक इंदौर की लगभग आधी आबादी गंभीर लाइफ स्टाइल जनित बीमारियां होने की कगार पर है। इस सर्वे में सम्मिलित 48% लोगों के एक या एक से अधिक टेस्ट की रिपोर्ट असामान्य पाई गई है।
- सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 9.5% का ब्लड ग्लूकोस असामान्य रूप से ज्यादा था जो यह दर्शाता है यह आबादी डायबिटीज या प्रीडायबिटीज स्टेज पर है।
आठ लाइफ स्टाइल क्लिनिक बनाएंगे
सांसद लालवानी ने कहा कि इस सर्वे के नतीजों के बाद मैं चिंता में हूं क्योंकि करीब एक लाख लोगों का सैंपल साइज काफी बड़ा सैंपल साइज माना जाता है और 48% यानी लगभग आधी आबादी किसी ना किसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती है। इसे रोकने के लिए हमें युद्ध स्तर पर इसके लिए एक मिलकर योजना बनानी होगी। इसके लिए शहर में आठ लाइफ स्टाइल क्लिनिक बनाने की बात कही गई, जिससे लोगों को इस स्टाइल के कारण आ रही बीमारियों की जानकारी दी जा सके। कलेक्टर इलैयाराजा टी ने इस सर्वे को प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए इंदौर में लाइफस्टाइल डिसीज के बारे में जागरुकता फैलाने पर जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि इंदौर को स्वच्छ इंदौर को स्वस्थ इंदौर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास करने की आवश्यकता है।
विविध संगठनों के साथ बैठक हुई
विभिन्न समाजों, धर्मगुरुओं, व्यापारिक एसोसिएशन, आईएमएम, जिला प्रशासन के साथ एक बड़ी बैठक भी इस मुद्दे को लेकर हुई। सांसद ने कहा कि ये सर्वे रिपोर्ट केंद्र एवं राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करेंगे। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ जल्द ही बैठक भी होगी। बैठक में पद्मश्री जनक पलटा, पद्म श्री सुशील दोषी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेणुका जैन, समाजसेवी डॉ अनिल भंडारी जी, डॉ भरत रावत, डॉ संजय धानुका, डॉ दिव्या गुप्ता एवं शहर के गणमान्य नागरिकजन एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। साथ ही, बोहरा समाज, माहेश्वरी समाज, अग्रवाल समाज, जैन समाज, सिंधी समाज, सिख समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सांसद सेवा संकल्प के सावन लड्ढा ने किया।
बैठक में शामिल लोगों के सुझाव-
- योगी मनोज जी- स्कूली शिक्षा में ही सही डाइट को शामिल करें। शरीर के लिए थकान और मन का विश्राम आवश्यक है।