Hamirpur. हमीरपुर के तंबाकू कारोबारी (Tobacco Dealers) के बेड ने करोड़ों रुपए उगले हैं। तंबाकू-सुपारी की फर्म ओजस इंटरप्राइजेज के मालिक गुप्ता बंधुओं (जगतबाबू और प्रदीप गुप्ता) के बेडरूम से 6.31 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं। दोनों भाइयों ने दो हजार रुपए नोटों के गद्दे बनवा रखे थे। सेंट्रल जीएसटी के छापों में यह नगदी बरामद हुई है। हमीरपुर और कानपुर में पांच ठिकानों में पिछले 24 घंटे से छापे चल रहे थे। काली कमाई का लिंक कानपुर से जुड़ा पाया गया है।
21 साल पहले गुटखा बनाने का कारखाना लगाया
व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश निगम दद्दा ने बताया कि करीब 20 साल पहले जगत बाबू गुप्ता भरुआ सुमेरपुर की गल्ला मंडी में आढ़त का काम करता था, फिर उसने देशी गुटखा बनाने का कारखाना लगाया और फिर वो रातों-रात करोड़पति बन गया था। एक और व्यापारी नेता महेश गुप्ता ने बताया कि जगत गुप्ता कभी गल्ला व्यापारी था। महेश गुप्ता ने बताया कि बतौर गल्ला आढ़ती जगत बाबू गुप्ता फेल हो गया था, इसके बाद उसने दो अन्य साथियों को साझीदार बनाकर 21 साल पहले गुटखा बनाने का कारखाना लगाया था। तमाम ब्रांड के गुटखे तैयार कर इसने मोटी पूंजी भी बनाई है। सीजीएसटी टीम की रेड में गुटखा कारोबारी के घर से मिले छह करोड़ से अधिक की नगदी मिली है।
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे के पुरानी गल्ला मंडी (थाने के पीछे) रहने वाला जगत गुप्ता पहले गल्ला का कारोबार करता था। वह इस व्यापार में पूरी तरह से फेल गया था। इसने अपने दो दोस्तों को पार्टनर बनाकर 2001 में गुटखा बनाने का कारखाना अपने घर में लगाया थाष शुरू में इसने चन्द्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन कराया।
गुटखा फैक्ट्री में छापेमारी की थी
कुछ ही समय में इस ब्रांड का गुटखा बुन्देलखंड के आसपास के जिलों में मशहूर हो गया था। इस कारोबार से उसकी किस्मत ही चमक गई। सीजीएसटी टीम की रेड में गुटखा कारोबारी और उसके सगे भाई के ठिकाने से टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा गया है। सीजीएसटी के कमिश्नर सोमेश तिवारी ने बताया कि 6.31 करोड़ से अधिक की नगदी मिली है। जगत गुप्ता के घर के अलावा गुटखा कारोबारी के रिश्तेदार रामऔतार गुप्ता, सहदेव गुप्ता के आवास के साथ ही बिरहाना रोड कानपुर स्थित इनकी फर्मों के कंसस्टेंट कीर्ति शंकर शुक्ल के दफ्तर की भी तलाशी कराई गई है। इससे पहले 2011 में तत्कालीन डीएम जी। श्रीनिवास ने भी गुटखा फैक्ट्री में छापेमारी की थी। 2011 में अवैध कारोबार और टैक्स चोरी में डीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया था। बताते हैं कि उस समय दो स्थानों पर मशीनें लगाकर गुटखा का कारोबार चल रहा था। कार्रवाई के बाद कई महीने तक फैक्ट्री बंद रही थी। इस छापेमारी में राकेश गुप्ता के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई थी।
टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा
डीएम श्रीनिवास के तबादले के बाद जगत गुप्ता ने दोनों पार्टनरों को कारोबार से अलग कर दिया था और 2013 में "नौकर" के नाम रजिस्ट्रेशन कराकर दयाल ब्रांड के नाम से कारोबार शुरू किया था। इस ब्रांड का गुटखा बुन्देलखंड और आसपास के जिलों की बाजार में खूब बिक रहा है। सीजीएसटी कानपुर के एक दर्जन अधिकारियों ने पिछले दिनों गुटखा कारोबारी जगत बाबू गुप्ता व उसके भाई प्रदीप गुप्ता के कारखानों व आवास पर छापेमारी कर टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा है। सीजीएसटी के कमिश्नर सोमेश तिवारी के मुताबिक, दोनों भाइयों के बेड रूम से 6 करोड़ 31 लाख 11 हजार आठ सौ रुपए कैश बरामद कर जब्त किया गया है।