सर्दी-जुखाम और डिहाइड्रेशन के इलाज में भी वसूले 80 हजार, बड़ी बीमारियों में बनाया 4 लाख तक का बिल

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
सर्दी-जुखाम और डिहाइड्रेशन के इलाज में भी वसूले 80 हजार, बड़ी बीमारियों में बनाया 4 लाख तक का बिल

Jabalpur. जबलपुर के राइट टाउन इलाके में करीब दो साल से आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े का नैक्सस चलाने वाले सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के खिलाफ चल रही एसआईटी की जांच में नित नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासे में यह सामने आया है कि अस्पताल छद्म मरीजों की छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज में भी हजारों रुपए का बिल बना रहा था। आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल ने शासन से जिन मरीजों के इलाज का पैसा वसूला उनमें सबसे कम राशि का बिल 80 हजार रुपयों का था। जबकि बड़ी और गंभीर बीमारियां बताकर मरीजों का अधिकतम 4 लाख रुपए का बिल बनाया गया। 



बाजार मूल्य से 10 परसेंट ज्यादा कीमत पर दी दवाएं



एसआईटी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि होटल वेगा में भर्ती मरीजों को अस्पताल के मेडिकल स्टोर से जो दवाएं दी गईं। उनकी कीमत बाजार मूल्य से 10 परसेंट ज्यादा कीमत पर बेची जाती थीं। हालांकि यह खरीद-बिक्री महज कागजों पर ही होती थी। यह सब होता था ताकि मरीज का बिल लंबा-चौड़ा दर्शाया जा सके। एसआईटी ने जब मरीजों की फाइलों की सूक्ष्मता से जांच की तब यह खुलासा हुआ है। 




हर मरीज को आईसीयू और एचडीयू में बताया जाता था भर्ती



जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि जिन मरीजों को कोई बीमारी नहीं होती थी उन्हें होटल वेगा में भर्ती कराया जाता था। जांच में यह भी पता चला है कि सभी मरीजों को तीन से चार दिन आईसीयू और एचडीयू में भर्ती करना शो किया जाता था ताकि बिल की राशि ज्यादा से ज्यादा दर्शाई जा सके। 




दलालों के भी नाम आ रहे सामने



आयुष्मान कार्डधारियों को होटल में ठहराने और खाने पीने का इंतजाम के साथ-साथ 5-5 हजार रुपयों का लालच देकर अस्पताल में भर्ती कराने वाले दलालों के नाम भी एसआईटी को मिल गए हैं। एसआईटी की टीम अब उनके मोबाइल नंबरों की लोकेशन तलाश कर रही है। जिनके जल्द हत्थे चढ़ने की उम्मीद की जा रही है। इन दलालों के हाथ लगते ही इस पूरे घोटाले की और परतें उधड़ सकती हैं। 


Jabalpur News जबलपुर न्यूज़ जबलपुर का आयुष्मान फर्जीवाड़ा Jabalpur's Ayushman forgery revelations in SIT investigation medicine icu and treatment on paper SIT जाँच में हो रहे खुलासे दवा icu और कागजों पर इलाज