संजय गुप्ता. INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा, उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया अभी छह दिन पहले ही रासुका रद्द होने पर जेल से रिहा हुआ है। अब उस पर जमीन घोटाले को लेकर आठवीं एफआईआर दर्ज हो गई है। क्राइम ब्रांच थाने में यह केस हुआ है। इसमें कल्पतरू गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के साथ मिलकर 4.89 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
मद्दा पर फिर गिरफ्तारी की तलवार लटकी
जानकारी के अनुसार उसे क्राइम ब्रांच थाने में पूछताछ हो रही है और उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। एफआईआर में मद्दा के साथ ही प्रकाश गिरी, कमलेश जैन, सन्नी, जितेंद्र नारायण पटेल, सुभाष, मिलन गिरी, दर्शनप्रताप सिंह मेहता, श्री चंद, जितेंद्र पाटील और मधुकांता पर भी केस दर्ज हुआ है। इन सभी पर धारा 420, 409 और 34 लगाई गई है।
मद्दा को दो खातों में अलग-अलग जगह से आए करोड़ों
सिसौदिया के देना बैंक के साउथ तुकोगंज और जेल रोड स्थित दो खातों में अलग-अलग 20 से ज्यादा ट्रांजेक्शन से 4.89 करोड़ की राशि पहुंची है। कल्पतरू संस्था के पदाधिकारी अध्यक्ष प्रकाश गिरी व उपाध्यक्ष कमलेश जैन सहित अन्य पदाधिकारी का कार्यकाल अगस्त 2017 से अक्टूबर 2022 तक था। संस्था द्वारा साल 2017-18 से 2021-22 के दौरान कई जमीनों की खरीदी की गई, जिसमें जिनसे जमीन खरीदी गई, उन्हें पूरा भुगतान नहीं किया गया है। वहीं संस्था के इंदूर परस्पर बैंक खाते में विविध जगह से आई राशि को दिलीप सिसौदिया के खातों में शिफ्ट किया गया है। इसी तरह जयहिंद संस्था से भी कई ट्रांजेक्शन सिसौदिया के खातों में हुए हैं और राशि पहुंची है।
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संस्था की राशि को मिलजुलकर खुर्द बुर्द किया
संस्था के प्रकाशक और उप अंकेक्षक सहकारिता सुरेश भंडारी द्वारा कराई गई एफआईआर में है कि संस्था के पदाधिकारियों और सिसौदिया ने मिलजुलकर संस्था की संपत्ति और राशि को खुर्द-बुर्द किया है। इसे लेकर ही क्राइम ब्रांच ने सभी 11 लोगों पर केस दर्ज किया है।
मद्दा पर अब कुल आठ एफआईआर हो गई
मद्दा पर तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के समय पुष्पविहार और अयोध्यापुरी जमीन घोटाले में कुल छह एफआईआर कराई गई थी, फिर इसके बाद गृह विभाग ने रासुका निरस्ता की फर्जी पत्र बनाने के मामले में खजराना थाने में उस पर चार सौ बीसी का एक और केस दर्ज कराया। प्रशासन ने रासुका भी लगाई थी, जिसमें वह एक मार्च को गिरफ्तार हुआ और फिर एनएसए एडवाइजरी बोर्ड द्वारा रासुका रद्द होने के बाद 27 मार्च को जेल से रिहा हुआ। अभी जेल से बाहर आए छह दिन ही हुए हैं कि नई एफआईआर हो गई है। दीपक मद्दा को पुलिस ने 4 अप्रैल की शाम को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 8 अप्रैल (4 दिन की) तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।