जबलपुर में बिशप पीसी सिंह के फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रशासन ने की कार्रवाई की करारी चोट, शासन के नाम दर्ज हुई डेढ़ अरब की जमीन

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में बिशप पीसी सिंह के फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रशासन ने की कार्रवाई की करारी चोट, शासन के नाम दर्ज हुई डेढ़ अरब की जमीन

Jabalpur. धर्मार्थ संस्था को आवासीय मद में लीज पर दी गई जमीन का व्यावसायिक उपयोग किए जाने के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी को आवंटित जमीन के रिकॉर्ड में तहसीलदार रांझी श्याम नंदन चंदेले द्वारा खसरे में मप्र शासन का नाम दर्ज कर दिया गया है। खसरे में 1 लाख 70 हजार वर्ग फीट की यह भूमि अब शासन मद में चली गई है। बता दें कि इस बेशकीमती भूमि की अनुमानित कीमत शासन की ओर से 1 अरब 36 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जबकि इसका बाजार मूल्य करीब 2 अरब रुपए के आसपास है। 



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इस जमीन का लीज नवीनीकरण 1999 से लंबित है, वहीं अब तक का लीज रेंट भी नहीं चुकाया गया था, इसी बीच यहां व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू कर दी गईं, जिनसे लाखों रुपए किराया भी बिशप पीसी सिंह द्वारा वसूला जा रहा था। जमीन पर इंडियन ओवरसीज बैंक, भारतीय खाद्य निगम का दफ्तर, सदभावना भवन, विकास आशा केंद्र और चर्च संचालित हो रहे हैं। बिशप पी सी सिंह इस जमीन पर निजी बंगला भी बनवा रहा था। साथ ही 42 लोगों को अवैध तरीके से प्लॉट भी बेचे। 



- कुल जमीन 1 लाख 70 हजार 328 वर्ग फिट



- 26 हजार वर्गफिट पर व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन हो रहा था।



- 42 लोगों को बेचे गए प्लॉट (इसी जमीन के)



- 1999 में समाप्त हो गई थी लीज, नवीनीकरण का केवल आवेदन दाखिल किया गया।



- किराए से भी की लाखों रुपए की कमाई।



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कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी का कहना है कि जिन शर्तों पर जमीन लीज पर दी गई थी उसका उल्लंघन किया गया,जिसके आधार पर न्यायालय ने लीज निरस्त की। अब जमीन को शासन के कब्जे में लेने की कार्रवाई की जाएगी।


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