Jabalpur. जबलपुर में पशुओं के ऊपर इन दिनों गंभीर संकटों का जमावड़ा है। गोवंश जहां लंपी वायरस की आमद के खतरे को झेल रहे हैं तो वहीं शूकरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फैलने की पुष्टि भी हो चुकी है। जिसके चलते प्रशासन अलर्ट पर है। बता दें कि 17 शूकरों के सैंपल भोपाल की हाई सिक्योरिटी लैब भेजे गए थे। जहां से जांच के बाद इनमें संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इलाकों को बनाया गया एपी सेंटर
जिन इलाकों में संक्रमित शूकर और उनकी लाशें पाई गई थीं वहां-वहां पशुपालन विभाग ने तमाम एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि इन स्थानों में जबलपुर के बरेला, रांझी, प्रेमसागर और पनागर इलाकों में ये शूकर पाए गए थे। जिन्हें एपी सेंटर घोषित किया गया है। वहीं इन इलाकों के 9 किलोमीटर के रेडियस को सर्विलांस जोन घोषित किया जा चुका है।
पिछले दिनों मिले थे मृत शूकर
इस खबर से जिन-जिन इलाकों में शूकरों की लाशें मिली थीं, वहां भी दहशत व्याप्त है। दरअसल पशुपालन विभाग से शूकरों के 21 सैंपल भोपाल लैब भेजे थे।
अधिकांश शहरवासी शूकरों से परेशान
नगर निगम जबलपुर की सीमा की बात की जाए तो यहां शूकर पालन वैसे भी प्रतिबंधित है। लेकिन बावजूद इसके हर गली मोहल्ले में शूकरों की फौज नजर आती है। नगर निगम सदन में कस्तूरबा गांधी वार्ड के पार्षद इस मुद्दे को भी उठा चुके हैं लेकिन बीते कई सालों में शूकर उन्मूलन के नाम पर नगर निगम सिवाय टेंडर जारी करने के और कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से आम जनता में भी दहशत
शूकरों की इस बीमारी का पता लगने पर आम जनता में दहशत फैली हुई है। जिन इलाकों में शूकरों की धमाचौकड़ी आम बात है वहां के बाशिंदे इस आफत से काफी सशंकित हैं। प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन में आम लोगों और शूकर पालकों से एहतियात बरतने की अपील की गई है। शूकरों की अचानक मौत पर उन्हें उसी स्थान के पास दफनाने भी कहा गया है ताकि यह बीमारी अन्य क्षेत्रों तक न फैले।