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GWALIOR News. जिले में कोरोना एक बार फिर पैर पसारने लगा है लेकिन इसके मरीज बढ़ने से लोगों में इतनी चिंता नहीं थी परँतु लगभग 152 दिन बाद कोरोना संक्रमण के चलते एक मरीज की मौत हो जाने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। यहाँ छह जुलाई को नगर निगम के चुनाव होना है और इसलिए प्रशासन की चिंताएं और भी बढ़ीं हुईं है। इस मौत के बाद कलेक्टर ने चुनाव तैयारियों की नए तरीके से समीक्षा की और मतदान दलों को दी जाने वाली किट में कोरोना से बचाव की सामग्री भेजने के निर्देश दिए।
रिटायर्ड ऑडिट ऑफिसर की मौत
ग्वालियर में कोरोना से आखिरी मौत 30 जनवरी को हुई थी। इसके बाद संक्रमण लगातार उतार पर रहा। मौत तो नहीं ही हुई बल्कि संक्रमण पॉजिटिविटी रेट में भी काफी न्यूनता आ गयी थी लेकिन बीते रोज इससे एक मौत ने इसके फिर से पैर पसारने के संकेत देकर हड़कंप मचा दिया। बताया गया कि सिटी सेंटर इलाके में रहने वाले एजी ऑफिस के रिटायर्ड ऑडिट ऑफिसर को खांसी और जुकाम हुआ। प्राथमिक इलाज से ठीक नहीं हुए तो उन्हें साईं बाबा मंदिर के पास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उनको जे एच में भर्ती कराया गया। वहां जांच कराने पर उनका कोरोना पॉजिटिव आया। इसके बाद उन्हें टीबी वार्ड स्थित कोरोना वार्डमें शिफ्ट किया गया। जांच में उन्हें सीवियर निमोनिया के अलावा बीपी और शुगर की भी समस्या उभरर आयी। पहले उनके स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार भी हुआ लेकिन 30 जून को उनकी हाट एकदम बिगड़ गयी नतीजतन देर रात उनकी मौत हो गयी।
स्वास्थ्य विभाग ने उनकी मौत को कोरोना से नहीं माना
इस मामले में जे एच का रवैया भी चौंकाने वाला है। वह कह रहा है की मौत के पहले मरीज निगेटिव हो चुका था। मौत के पहले उन्होंने सेम्पल वायरोलॉजी लेब में भेजा था जिसकी रिपोर्ट आयी भले ही मौत के बाद लेकिन थी निगेटिव। अब इस सवाल का उनके पास कोई संतोषजनक जबाव नहीं है कि जिस व्यक्ति की रिपोर्ट 28 तारीख को पॉजिटिव आयी थी तो तीस को उसका फिर से टेस्ट क्यों कराया ? वह भी तब जबकि मरीज की हालत गभीर थी।
वहीँ शुक्रवार को लेब में 169 सेम्पल्स की जांच कराई गई जिनमे से तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। हालाँकि शुक्रवार को दो मरीजों को स्वस्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया। अब जिले में एक्टिव केस की संख्या 23 हो गयी है।
ये भी लापरवाही
मरीजों की संख्या कम हो जाने के बाद प्रशासन ने भी इसको लेकर बनाये गए प्रोटोकॉल के पालन में भी ढिलाई बरत रहा है। इस मामले में यह लापरवाही भी उजागर हुई। शासन के साफ़ आदेश हैं कि जिले के किसी भी अस्पताल में कोरोना का कोई मरीज भर्ती होता है तो उसकी व्यापक जानकारी तत्काल सीएमएचओ कार्यालय को देनी अनिवार्य है लेकिन जे एच प्रबंधन ने इसकी सूचना देना तो दूर कोरोना संक्रमित की मौत के बाद भी उसकी कोई जानकारी नहीं भेजी।
चुनाव में चिंता
कोरोना से 152 दिन बाद हुई मौत ऐसे समय हुई जब कि ग्वालियर नगर निगम चुनावों के लिए मतदान की तिथि नजदीक है। इस बजह से प्रशासन चिंतित है। कल इसको लेकर बैठक भी हुई। क्लेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर मतदान केंद्र पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहे इसकी व्यवस्था सामग्री किट में ही की जा रही है। इसमें सेंटाइजर ,मास्क और टेम्प्रेचर मापने की लेजर गन आदि शामिल रहेगी तथा एक मेडिकल किट भी रहेगी जिसमें आवशयक जीवन रक्षक दवाइयां शामिल रहेंगी। चिकित्स्कों का दल भी अलर्ट पर रहेगा