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Jabalpur. करीब 890 मीट्रिक टन यूरिया गायब होने की खबर के बाद जैसे ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए वैसे ही गायब हो चुका यूरिया धीरे-धीरे मिलने भी लगा है। जबलपुर में कृषि विभाग और विपणन संघ मार्कफेड के अधिकारियों ने तफ्तीश के बाद दो गोदामों का औचक निरीक्षण किया जहां अधिकृत कंपनी कृभको श्याम कंपनी का करीब 200 मीट्रिक टन यूरिया बरामद हुआ है। अधिकारियों ने तत्काल मंडला, डिंडोरी और दमोह जिले में स्थित मार्कफेड के डबल लॉक केंद्र में भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं इस संबंध में एफआईआर समेत अन्य कार्रवाई जांच के बाद किए जाने की बात अधिकारियों ने की है।
890 में से 200 टन हो गया बरामद
यूरिया वितरण में अनियमितता के मामले में आज शुक्रवार को कृषि विभाग एवं विपणन संघ के अधिकारियों ने पाटन तहसील के ग्राम आरछा बेनीखेड़ा स्थित गायत्री वेयरहाउस का निरीक्षण किया । उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास डॉ एस के निगम के अनुसार निरीक्षण के दौरान इस वेयरहाउस में लगभग 80 मैट्रिक टन कृभको श्याम कंपनी का यूरिया मिलाए जिसे किसान हित में मंडला एवं डिंडोरी जिले में स्थित विपणन संघ के डबल लॉक केंद्र में भेजने के निर्देश सयुंक्त संचालक कृषि जबलपुर संभाग द्वारा दिये गये ।
उप संचालक डॉ एस के निगम ने बताया कि यूरिया वितरण में अनियमितता के इस मामले में जल्दी ही एफआईआर भी कराई जायेगी
। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यूरिया वितरण में अनियमितता के मामले में आज खजरी खिरिया स्थित लक्ष्मी वेयर हाउस का निरीक्षण भी किया गया । यहाँ भी कृभको श्याम कम्पनी का करीब 49 मैट्रिक टन यूरिया पाया गया । इस यूरिया को दमोह जिले के डबल लॉक केंद्रों में भेजा जा रहा है ।
आखिर गोदामों में क्यों रखवा दिया यूरिया
हालांकि अभी गायब हुए यूरिया में से करीब 20 फीसद यूरिया ही बरामद हो पाया है। कृषि विभाग के अधिकारी भी कह रहे हैं कि कंपनी के अधिकृत डीलर और ट्रांसपोर्टर ने यूरिया को जहां भेजा जाना था वहां न भेजकर वेयर हाउसों में इसे रखवा दिया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि कंपनी के अधिकृत डीलर और ट्रांसपोर्टर इतने सीधे हैं तो वे जल्द से जल्द पूरे 890 मीट्रिक टन यूरिया का सही-सही पता अधिकारियों को क्यों नहीं बता रहे? साथ ही सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर कृषि विभाग के अधिकारी यूरिया की चोरी या घपले को इतना हल्के अंदाज में क्यों कहते नजर आ रहे हैं कि जहां भिजवाना वहां न भिजवाकर रखवा दिया। और तो और यह सब आखिर सीएम की फटकार के बाद ही क्यों हुआ? ये सारे सवाल पूरी कार्रवाई के बाद भी उठ रहे हैं क्योंकि गायब हुआ पूरा यूरिया मिलना अभी बाकी है और सार्वजनिक रूप से सीएम द्वारा किए गए एफआईआर के ऐलान पर अमल भी अभी बाकी है।