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BHOPAL/SHEOPUR. अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर लाए जा रहे चीतों के लिए खास तैयारी की जा रही है। कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य के पास रहने वाली गाय-भैंस समेत सभी कुत्तों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। कुत्ता, चीतों का मुख्य भोजन है। वैक्सीनेशन इसलिए किया जा रहा है, ताकि चीतों में किसी भी तरह के इन्फेक्शन को रोका जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को चीते कूनो आ रहे हैं। इनके प्रवेश के
कई बीमारियों से बचाएगी वैक्सीन
वैक्सीन में कैनाइन कोरोना से बचाव की भी डोज है। गाय-भैंसों को ‘ट्रायवोक’ वैक्सीन लग रही है। इसमें एफएमडी यानी खुरपका-मुंहपका, एचसी यानी गलघोंटू और बी-क्यू यानी लंगड़ा बुखार आदि का वैक्सीन दिया जा रहा है। इधर, कूनो में 5 नर और 3 मादा चीते आ रहे हैं।
मोदी खोलेंगे पिंजरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को सुबह करीब 11.30 बजे कूनो पहुंचेंगे। जानकारी के मुताबिक, चीते पिंजरे में इसी दिन सुबह कूनो पहुंच जाएंगे। पिंजरों को 5 वर्गकिमी के छोटे बाड़े की तरफ मुंह करके रखा जाएगा। मोदी पुलिंग के जरिए पिंजरा खोलेंगे और चीते बाड़े में चले जाएंगे। करीब दो हफ्ते छोटे बाड़े में रखने के बाद चीतों को 60 हेक्टेयर के बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा। यहां डेढ़ महीने रखने के बाद उन्हें जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
भारत के हिस्से आ रही बड़ी उपलब्धि
चीतों के आने बाद भारत बिग कैट की पांचों प्रजातियों वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। डीएफओ पीके वर्मा के मुताबिक, अब तक देश में बिग कैट की चार प्रजातियां बाघ, शेर, तेंदुआ और हिम तेंदुआ हैं। कूनो नेशनल पार्क ऐसा इकलौता पार्क है, जहां वन्यजीवों के लिए 3 हजार वर्ग किमी का क्षेत्र है। यह नेशनल पार्क श्योपुर से शुरू होकर शिवपुरी तक जाता है।
प्रोजेक्ट पर 60 करोड़ खर्च
चीतों को कूनो में बसाने के 5 साल के प्रोजेक्ट पर लगभग 60 करोड़ रु. का खर्च आएगा। अफ्रीका से कूनो तक लाने का खर्च भी इसमें शामिल है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान नेबताया कि चीतों के रखरखाव के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के बीच एग्रीमेंट भी हुआ है।
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