गोपाल देओकर,बुरहानपुर. जिले की सबसे बड़ी योजनाओं में शुमार जल आवर्धन योजना (jal aavardhan yojana) में पलीता लग रहा है। 131 करोड़ की लागत से बन रही इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। योजना बुरहानपुरवासियों को ताप्ती नदी (Tapti River) का फिल्टर पानी उनके घरों तक पंहुचाने की थी। आपको बता दें कि इस योजना के लिए शासन ने वर्ल्ड बैंक से लोन लिया था। अभी तक शहरवासियों को सिर्फ एक घंटा पानी मिलता है। यह योजना पूरी होने के बाद जिले को 24 घंटे पानी मिलने लगेगा। इस योजना की शुरुआत तो हो गई है, लेकिन अब तक इस योजना का काम पूरा नहीं हुआ है।
सड़क पर गड्ढों के निशान, टंकी में हुआ भ्रष्टाचार: इस योजना के लिए शहर की सडकें खोदकर जगह-जगह गड्ढे बना दिए गए हैं, जिससे आए दिन हादसे होते है। जल आवर्धन के तहत शहर में 8 पानी की टंकीयों का निर्माण भी किया था। इन टंकीयों से पानी रिसने लगा है, जिस पर टंकियों में घटिया सामग्री लगाने के आरोप लग रहे हैं। इस योजना का ठेका जेमीसी कंपनी को दिया गया है। जिसने अभी भी शहर के कई हिस्सों में काम शुरू नहीं किया है।
महापौर की सफाई: पूर्व महापौर अनिल भोंसले ने कहा कि जल आवर्धन योजना में देरी कोरोना की वजह से हुई। उन्होंने जल्द ही काम पूरा होने की बात कही। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस योजना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए हैं। नगर निगम आयुक्त एस के सिंह ने इसको लेकर कहा कि यह योजना विश्व बैंक के माध्यम से संचालित है और इसकी एजेंसी यूडीसी हैं। इसका काम और मॉनिटरिंग भी शासन स्तर पर ही की जा रही है। कई बार काम में लापरवाही और निर्माण कार्य ना होने की शिकायतें मिली हैं। यूडीसी को समस्याओं से रुबरु कराया गया है। निगम आयुक्त ने जल आवर्धन योजना को जून 2022 में पूरा होने की उम्मीद जताई है।