आनंद विभाग टटोलेगा जनता की नब्ज; सर्वे में सरकार,कर्मचारियों के कामकाज का फीडबैक

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Aashish Vishwakarma
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आनंद विभाग टटोलेगा जनता की नब्ज; सर्वे में सरकार,कर्मचारियों के कामकाज का फीडबैक

अरुण तिवारी, भोपाल. मध्यप्रदेश के लोग आनंद में नहीं हैं। सरकार के लिए ये खबर अनहैप्पी करने वाली है। चार साल पहले शिवराज सरकार ने लोगों को खुश करने के लिए राज्य आनंद संस्थान (Rajya Anand Sansthan) बनाया था। कुछ अफसरों ने आनंद के इस सूत्र तलाशने के लिए विदेश यात्राएं भी की। सरकार अब प्रदेश में सर्वे कराने जा रही है। ये सर्वे राज्य आनंद संस्थान के प्रतिनिधि लोगों के बीच जाकर करेंगे। उनके हाथ में एक क्वेश्चनेयर होगा जिसके सवाल आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) ने तैयार किए हैं। इस सर्वे के जरिए लोगों के मन को टटोलकर ये जानने की कोशिश की जाएगी कि वे पुलिस और प्रशासन के रवैये, सरकार की योजनाओं, स्थानीय सरकारी एजेंसियों और भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ हो रही कार्रवाई से कितने संतुष्ट हैं। 





लोगों से पूछी जाएगी कमियां: आईआईटी खड़गपुर ने 28 सवाल तैयार किए हैं। इनके जरिए लोगों से ये जानने की कोशिश की जाएगी कि उनकी समस्याएं क्या हैं और वे किस तरह खुद को आनंदित महसूस करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सरकार अपने कामकाज का और प्रशासनिक रैवेए का आंकलन भी करेगी। लोगों से पूछा जाएगा कि वे सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों और पुलिस के कार्य व्यवहार से कितने संतुष्ट हैं। इसके अलावा सरकार की योजनाओं को वे कौन से पायदान पर रखना चाहेंगे। स्थानीय प्रशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से वे कितने संतुष्ट हैं। इसके अलावा उनसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार के संबंध में भी उनकी अपेक्षाएं पूछी जाएगी। इन सवालों को लेकर राज्य आनंद संस्थान के प्रतिनिधि लोगों के बीच जाएंगे और इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।





इन अफसरों ने की विदेश यात्राः हैप्पीनेस इंडेक्स (Happiness index) तैयार करने के लिए सरकार ने 17 अप्रैल 2017 को आईआईटी खड़गपुर के साथ एमओयू साइन किया था। जिसके तहत आईआईटी को 63 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है। 20 लाख रुपए एडवांस दिए जा चुके हैं। बाकी 43 लाख रूपए काम होने के आधार पर दिए जाएंगे। 2017 में राज्य आनंद संस्थान के तत्कालीन अफसर- सीईओ मनोहर दुबे, निदेशक प्रवीण कुमार गंगराडे़, निदेशकर संदीप कुमार दीक्षित ने भूटान की यात्रा की। इन यात्राओं पर 2 लाख 89 हजार 576 रुपए खर्च हुए। तत्कालीन एसीएस इकबाल सिंह बैस भूटान में हुई इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में शामिल हुए जिस पर 34 हजार 580 रूपए खर्च हुए। उपसचिव शिवकुमार शर्मा और निदेशक अशोक जनवदे ने हैप्पीनेस पर हुई एनुअल समिट में भाग लिया। इसका खर्च आयोजकों ने वहन किया। 





सीएम राइज स्कूलों के बच्चे पढ़ेंगे आनंद की किताब: सरकार नौंवीं से बारहवीं तक की कक्षा के बच्चों के कोर्स में आनंद की किताब शामिल करने जा रही है। आनंद विषय को इसी सत्र से शामिल किया जाएगा। इससे पहले सीएम राइज स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर स्कूल से पांच शिक्षकों का चयन किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य आनंद संस्थान ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। फिलहाल इस प्रशिक्षण की तारीख तय नहीं हो पाई है। इस संबंध में जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। 





राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल ने बताया कि हम जल्द ही इस सर्वे का काम शुरू करेंगे। कोविड के कारण ये काम पिछड़ गया है। सीएम राइज स्कूलों के छात्रों के कोर्स में आनंद विषय भी शामिल किया जा रहा है। इससे पहले इन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 



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