नकली रेमडेसिविर मामले में सरबजीत सिंह मोखा पर एक और मामला दर्ज, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ गैरइरादतन हत्या का मामला

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Rajeev Upadhyay
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नकली रेमडेसिविर मामले में सरबजीत सिंह मोखा पर एक और मामला दर्ज, अदालत के आदेश पर दर्ज हुआ गैरइरादतन हत्या का मामला

Jabalpur. जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में डेढ़ साल पहले जेल की हवा खा चुके सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ एक बार फिर गैरइरादतन हत्या और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। अदालत के निर्देश पर ओमती थाना पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉ प्रदीप पटेल और अभिषेक चक्रवर्ती के खिलाफ धारा 201,274, 275, 304, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा एफआईआर में आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम और ड्रग्स कंट्रोल एक्ट की धाराएं भी शामिल हैं। दरअसल सिटी अस्पताल में भर्ती हुए विजय कुमार श्रीवास नामक मरीज की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और संचालक पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए न्यायालय में परिवार दायर किया था। 



6 के बजाय लगाए थे 7 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन



ओमती पुलिस ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट तन्मय सिंह की अदालत से मिले मेमो के आधार पर आवेदक महेंद्र श्रीवास की शिकायत पर सरबजीत सिंह मोखा, संचालक सिटी अस्पताल, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉ प्रदीप पटेल और अभिषेक चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आवेदक की ओर से बताया गया कि उसने अपने पिता को सीजीएचएस सुविधा के तहत अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल ने विजय कुमार का सीटी स्केन कराने के बाद डॉक्टरों द्वारा बतलाया गया था कि उन्हें कोरोना हो गया है। लेकिन 2 हफ्ते बाद उन्हें कह दिया गया था कि वे अपने पिता को घर ले जाएं वरना अस्पताल में उन्हें इंफेक्शन हो जाएगा। डिस्चार्ज किए जाने के कुछ दिन बाद ही उनके पिता की हालत बिगड़ गई और पुनः अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। आवेदक ने शिकायत में यह भी बताया है कि कोरोना के इलाज के दौरान 6 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाए जाते लेकिन उनके पिता को 7 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए जो कि नकली थे। 




अस्पताल में ही हुआ इंफेक्शन



शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि आवेदक के मरीज को भर्ती करते वक्त कोरोना संक्रमण नहीं था, लेकिन अस्पताल द्वारा लापरवाही करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ ही भर्ती किया गया जिससे उनके पिता संक्रमित हो गए थे। वहीं नकली रेमडेसिविर के कारण उन्हें कोई आराम ही नहीं मिला जिससे उनकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 


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