Jabalpur. मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी में लापरवाही या कहें भर्राशाही का एक और नमूना सामने आया है। यहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए जब परिक्षार्थियों की आंसरशीट्स का बंडल खोला गया तो उसमें कई आंसरशीट पानी में तरबतर थीं। विश्वविद्यालय प्रबंधन कह रहा है कि परीक्षा केंद्र की गलती के चलते आंसरशीट्स भीग गईं। जिन्हें गंभीरता के साथ सुखाया और स्कैन कराकर जांचा जा रहा है। विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज बघेल का कहना है कि नर्सिंग परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं से जुड़े एक बंडल में निचले हिस्से की 4-5 कॉपियां गीली मिली हैं, चूंकि केंद्र द्वारा कॉपियों को कपड़े में लपेटकर भेजा जाता है, इसलिए पानी पहुंचने से कॉपियां गीली हुईं हैं। हालांकि उन्हें सुखाकर स्कैन करा दिया गया है। साथ ही केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि कॉपियों के बंडल लपेटने में पॉलीथिन का भी इस्तेमाल किया जाए, ताकि दोबारा ऐसी गलती न हो।
पहले भी हो चुकी है लापरवाही
बता दें कि इससे पहले भी मेडिकल यूनिवर्सिटी में आंसरशीट रखने के कक्ष में पानी भरने, आंसरशीट के प्रांगण में जलने और लेडीज टॉयलेट में के पानी में गलने की बात सामने आ चुकी है। चर्चा यह भी है कि ये घटनाएं महज लापरवाही है या फिर जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।
फिर बढ़ाई बीएएमएस परीक्षाओं की डेट
मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में बीएएमएस अंतिम वर्ष की परीक्षाओं की डेट में बदलाव कर दिया गया है। पहले जहां परीक्षाएं 2 नवंबर से 23 नवंबर के बीच होनी थी, अब नए टाइम टेबल के तहत 23 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच रखी गई हैं। इस बदलाव से स्टूडेंट्स के सब्र का बांध भी टूट रहा है। उनका कहना है कि बीएएमएस अंतिम वर्ष कोर्स इस साल 2022 मार्च में ही पूरा हो चुका है लेकिन परीक्षा लेने में लेटलतीफी हो रही है।