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DELHI. श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के मालदीव (Maldives) छोड़कर सिंगापुर (Singapore) चले जाने के कयास लग रहे हैं। 14 जुलाई की देर रात खबर आई कि वह मालदीव से सिंगापुर जाने के लिए एक निजी जेट की प्रतीक्षा कर रहे थे। मालदीव के सूत्रों ने बताया कि देश छोड़ने में राजपक्षे की मदद मालदीव संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने की। निर्वासन के दौरान नाशीद श्रीलंका में ही रहे थे। राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच श्रीलंका में देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया। हालांकि यह कर्फ्यू एक दिन तक के लिए ही था।
गोटबाया राजपक्षे ने अब तक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं दिया
श्रीलंका के कोलंबो (Colombo) में फिलहाल कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए सड़कों पर सेना टैंक लेकर घूम रही है। गोटबाया राजपक्षे ने अब तक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं दिया है। फिलहाल श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर कुर्सी संभाल ली है। श्रीलंका में माहौल अब थोड़ा सुधरता दिख रहा है। प्रदर्शनकारी सरकारी बिल्डिंग्स को छोड़ने के लिए तैयार हो गये हैं। मतलब अब राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति सचिवालय, पीएम ऑफिस से प्रदर्शनकारी हट जाएंगे। ऐसा शांति की बहाली के लिए किया जाएगा।
सेना ने कहा- कदमों की दें जानकारी
श्रीलंका की सेना और पुलिस ने 13 जुलाई को संसद अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सर्वदलीय नेताओं की एक बैठक बुलाई जाए और नए राष्ट्रपति की नियुक्ति से पहले ‘मौजूदा संकट’ के राजनीतिक समाधान के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताया जाए। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शेवेंद्र सिल्वा ने लोगों से, खासकर युवाओं से विशेष अनुरोध किया कि देश में कानून व्यवस्था बनाने में सेना, नौसेना और वायु सेना तथा पुलिस को समर्थन दिया जाए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएं।
जनरल शेवेंद्र सिल्वा (General Shevendra Silva) ने कहा कि हमने, तीनों सेनाओं के कमांडरों और पुलिस महानिरीक्षक ने संसद अध्यक्ष (महिंदा यापा अभयवर्द्धने) से अनुरोध किया है कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और हमें उन कदमों के बारे में बताया जाए जो वे नए राष्ट्रपति की नियुक्ति से पहले मौजूदा संकट के राजनीतिक समाधान के लिए उठाएंगे।
आंसू गैस के गोले छोड़े
श्रीलंका में राजनीतिक संकट बढ़ता जा रहा है और देश से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्ष के जाने के बाद नये सिरे से प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हजारों प्रदर्शनकारियों (protesters) ने आपातकाल को धता बताते हुए लंका के झंडे लहराते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव किया। पुलिस ने बैरिकेड तोड़कर प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसने वाले प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।