संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्याशी पद के लिए विधानसभावार आए वोटिंग के आंकड़ों ने सत्ताधारी दल बीजेपी की धड़कनें बढ़ा दी हैं। बीते चुनाव फरवरी 2015 में हुई 62.35 फीसदी वोटिंग से भी कम प्रतिशत रहा और 60.88 फीसदी वोटिंग प्रारंभिक तौर पर दर्ज की गई और 18.35 लाख मतदाताओं में से केवल 11.17 लाख ने वोट डाले। बीजेपी का आरोप है कि बीएलओ, अधिकारियों की चूक और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समय मतदाता सूची में की गई त्रुटियों के चलते एक लाख मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए। वहीं चिंता की बात ये है कि निगम सीमा में शामिल 6 विधानसभाओं में से सबसे ज्यादा वोटिंग कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक संजय शुक्ला की विधानसभा एक में ही हुई है और संख्या के साथ ही वोटिंग प्रतिशत के हिसाब से भी सबसे ज्यादा ढाई लाख मतदाताओं ने यहीं वोट डाले।
विधानसभा दो में औसत से भी कम वोटिंग
बीजेपी को हमेशा 70 हजार की लीड दिलाने वाली विधानसभा दो (विधायक रमेश मेंदोला के क्षेत्र) में इस बार औसत से भी कम केवल 58.31 फीसदी वोटिंग हुई। विधानसभा चार जो बीजेपी का दूसरा बड़ा गढ़ है और जहां से 30-40 हजार वोट की लीड मिलती है, वहां बीते विधानसभा चुनाव (2018) से भी कम वोटिंग हुई है। साल 2018 में यहां 1.65 लाख करीब वोट डले थे, वहीं निगम चुनाव में 1.58 लाख ही वोट डले। ऐसे में बीजेपी को अपनी लीड गंवाना पड़ सकती है। विधानसभा तीन जो बीजेपी की सीट है वहां भी विधानसभा चुनाव से कम वोटिंग हुई है। उधर कांग्रेस की मजबूत माने जाने वाली सीट राउ (कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी) में भी औसत से अधिक वोटिंग हुई है।
विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत
- विधानसभा एक - 3.91 मतदाताओं में से 2.50 लाख यानि 63.88 फीसदी वोटिंग
निगम में कुल वोटिंग आंकड़ा
- कुल 18.35 लाख वोटिंग में से 11.17 लाख वोटिंग यानि 60.88 फीसदी
बीते निगम चुनाव में वोटिंग प्रतिशत और हार-जीत का अंतर
- साल 1999 में - बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस के सुरेश सेठ से 1.54 लाख वोट से जीते, वोटिंग प्रतिशत - 40 फीसदी
निगम परिषद में बंपर वोटिंग
वहीं जिले की आठ निगम परिषद में कुल 76 फीसदी वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा हातोद में 87.98 फीसदी वोटिंग हुई। बेटमा में 82.35 फीसदी, देपालपुर में 78.30 फीसदी, गौतमपुरा में 82.83 फीसदी, महूगांव में 68.40 फीसदी, मानपुर में 79.95 फीसदी, राउ में 74.17 फीसदी और सांवेर में 72.16 फीसदी।