BHOPAL. MP के नगरीय निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने जोरदार एंट्री की है। इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों ने पहले चरण के चुनाव की मतगणना में बीजेपी और कांग्रेस के सारे सियासी गणित बिगाड़ दिए, इसके साथ ही दोंनों ही पार्टियों ने प्रत्याशियों की जीत के अंतर पर भी बड़ा असर डाला है। पहली बार मध्यप्रदेश के चुनावों में कदम रखने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP का प्रदेश में एक महापौर चुना गया। इसके साथ ही आप के 17 पार्षद प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की है। वहीं आप पार्टी की महापौर प्रत्याशी ग्वालियर में तीसरे नंबर पर रहींं।
AIMIM के दो पार्षद जीते
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के दो पार्षद प्रत्याशी जीते हैं। वही तो दो पार्षद दूसरे नंबर पर रहे हैं। माना जा रहा है कि आप और एआईएमआईएम की नजर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है। इन दोनों पार्टियों की एंट्री से बुरहानपुर, उज्जैन, ग्वालियर में सियासी समीकरण बदलें हुए नजर आए हैं। इन तीनों जगहों नतीजों से यह बात साफ है कि अगर चुनावी रण में AAP और AIMIM नहीं उतरी होतीं तो परिणाम कुछ और भी हो सकते थे।
आप का एक मेयर और सत्रह पार्षद जीते
आम आदमी पार्टी की दिल्ली, पंजाब और गुजरात के बाद मध्यप्रदेश भी उम्मीद जागने लगी हैं। आप ने निकाय चुनाव प्रदेश भर में पार्षद और महापौर प्रत्याशी खड़े किए। हालांकि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केवल राज्य के सिंगरौली में प्रचार किया। नतीजतन सिंगरौली में आप पार्टी को बड़ी जीत मिली। AAP की पहली महापौर रानी अग्रवाल बनी। यहां से आप के 5 पार्षद भी जीते। वहीं प्रदेश में आप पार्टी के 17 पार्षद जीते हैं।
AIMIM ने की सधी हुई शुरूआत
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) ने निकाय चुनाव में प्रदेश के पांच शहरों में मेयर के 2 और पार्षद के 53 प्रत्याशी उतारे थे। जबलपुर में दो और खंडवा, बुरहानपुर में एक-एक पार्षद चुनाव जीतने में सफल रहे। वहीं बुरहानपुर में पार्टी की मेयर प्रत्याशी शाइस्ता सोहैल हाशिमी तीसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 10 हजार 322 मत मिले।