अतुल अग्रवाल, Sagar. सागर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। ग्रामीण इलाकों में खोले गए उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। ये हफ्ते में सिर्फ 2 या 3 दिन ही खुलते हैं। कई केंद्र तो ऐसे हैं जो हफ्तों से बंद पड़े हैं। मजबूरन ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है। कई ग्रामीण सही इलाज नहीं मिलने की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं मिल रहा इलाज
सरकार ने सागर के ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं लेकिन वे कभी-कभी खुलते हैं। कई स्वास्थ्य केंद्रों पर तो हफ्तों से ताला लगा हुआ है। गांव के लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर काटने पर मजबूर हो जाते हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार
सागर के अधिकांश ग्रामीण और शहरी इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। ये झोलाछाप डॉक्टर हर तरह का इलाज करते हैं। इनके पास सिर्फ नाममात्र की डिग्रियां हैं। कुछ डॉक्टर दसवीं और कुछ 12वीं पास हैं। किसी को कंपाउंडर का अनुभव है तो वो खुद को डॉक्टर मानकर अस्पताल चला रहा है। इस मामले में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मामले की शिकायत आने पर नियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है। कार्रवाई के लिए एक टीम बनाकर समय-समय पर उनके दस्तावेजों की जांच भी की जाती है। इसके बावजूद भी झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से अपनी दुकान चला रहे हैं।