अमित शाह के पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल भी पहुंचे थे जयविलास पैलेस, अतिथियों में राष्ट्रपति; पंडित नेहरू और राहुल गांधी भी शामिल रहे

author-image
Dev Shrimali
एडिट
New Update
अमित शाह के पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल भी पहुंचे थे जयविलास पैलेस, अतिथियों में राष्ट्रपति; पंडित नेहरू और राहुल गांधी भी शामिल रहे

देव श्रीमाली, GWALIOR. बीजेपी के शक्तिशाली नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह कल यानी 16 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंच रहे हैं। वैसे तो वे नए एयरपोर्ट की आधारशिला रखने आ रहे हैं लेकिन देशभर में चर्चा का विषय है उनका सिंधिया परिवार के शाही महल जय विलास पैलेस जाना जहां वे डेढ़ घंटे का समय बिताएंगे। अमित शाह वहां सिंधिया परिवार का म्यूजियम भी देखेंगे, उसमें मराठा गैलरी का उद्घाटन भी करेंगे और डिनर भी करेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनका परिवार शाह की मेहमाननवाजी करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं है कि जय विलास पैलेस में पहुंचने वाले अमित शाह पहले गृह मंत्री हों बल्कि ये महल अनेक अति विशिष्ट हस्तियों के अतिथि सत्कार का साक्षी रहा है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल भी शाही मेहमान बनकर जय विलास आ चुके हैं। 



देश आजाद होते ही आए थे सरदार वल्लभ भाई पटेल 



देश के स्वतंत्र होते ही राज्यों के विलीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। इस काम को देश के गृह मंत्री जिन्हें लौह पुरुष कहा जाता है, सरदार वल्लभ भाई पटेल ग्वालियर आए थे। वे हेलीकॉप्टर से दिल्ली से ग्वालियर पहुंचे थे और उन्होंने जय विलास पैलेस पहुंचकर तत्कालीन महाराज जीवाजी राव सिंधिया और महारानी विजयाराजे सिंधिया से भेंट कर सिंधिया रियासत के भारतीय संघ में विलीन करने सम्बन्धी मुद्दे पर बात की थी और फिर विलीनीकरण के दस्तावेज पर द्विपक्षीय हस्ताक्षर हुए थे। बताया जाता है कि तब पटेल ने लगभग 3 घंटे का समय जय विलास पैलेस में बिताया था और सिंधिया परिवार के साथ दोपहर का भोजन भी किया था। उस समय माधवराव सिंधिया महज 3 वर्ष के थे। सिंधिया परिवार तब उन्हें भ्रमण के लिए जलविहार भी लेकर गया था जहां परिवार के साथ एक फोटो भी खींचा गया था जिसमें बालक माधवराव सिंधिया भी मौजूद थे।  



देश के पहले पीएम नेहरू भी आए थे जय विलास पैलेस 



देश आजाद होने के बाद भारत सरकार ने 28 मई 1948 मध्यभारत राज्य का गठन किया जिसमें पश्चिम मध्य की 25 रियासतों को मिलाकर बनाया गया और ये रियासतों को मिलाकर बनाया गया था जो मध्यभारत रीजेंसी का हिस्सा रही थीं। इसकी दो राजधानी बनाई गईं और दोनों के महाराज को राज प्रमुख बनाया गया। 6 महीने राजधानी इंदौर रहना थी जिसके राजप्रमुख महाराज होलकर बने और 6 माह की राजधानी ग्वालियर को बनाया गया। यहां का राजप्रमुख महाराज जीवाजी राव सिंधिया को बनाया गया। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू उन्हें राज प्रमुख के रूप में शपथ दिलाने स्वयं ग्वालियर पहुंचे और जय विलास पैलेस में ही दरबार हॉल में नेहरू ने उन्हें लोकतांत्रिक भारत के राजप्रमुख की शपथ दिलाई। नेहरू को एयरपोर्ट से लेने के लिए जीवाजी राव स्वयं गए थे और खुद गाड़ी ड्राइव कर उन्हें लेकर जय विलास पैलेस पहुंचे थे जहां महारानी विजयाराजे सिंधिया और युवराज माधव राव सिंधिया के साथ दोपहर भोज भी किया। सिंधिया उन्हें लेकर घुमाने के लिए महाराज बाड़े गए थे और तब का नाट्यगृह भी दिखाया था जिसे अब टाउन हॉल कहते हैं। नेहरू ने विक्टोरिया कॉलेज, जिसे अब एमएलबी कॉलेज कहते हैं, वहां एक जनसभा को संबोधित भी किया था। 



राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी बने शाही मेहमान 



ग्वालियर में सिंधिया राज परिवार के शाही महल जय विलास पैलेस में सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू ही नहीं आए बल्कि राष्ट्रपति आर वेंकटरामन, प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी भी आ चुके हैं जबकि एच. डी. देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल, तत्कालीन वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री जयविलास पैलेस के मेहमान बन चुके हैं। शशि थरूर और पी. चिदंबरम भी जय विलास पैलेस आ चुके हैं।



हर दल का नेता अतिथि बना



ऐसा नहीं है कि महल में सिर्फ कांग्रेस के आला नेता ही मेहमान बने हों बल्कि लाल कृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन, समाजवादी पृष्ठभूमि के जॉर्ज फर्नांडीज हों, मुलायम सिंह यादव भी महल के मेहमान रह चुके हैं।



कपिल देव भी बने थे मेहमान



क्रिकेटर कपिल देव और माधवराव सिंधिया के बीच गाढ़ी मित्रता थी। स्व. सिंधिया स्वयं भी क्रिकेटर थे और बीसीसीआई के चेयरमैन भी रहे थे। कपिल देव सिंधिया के 50वें जन्मदिन के समारोह में शिरकत करने ग्वालियर पहुंचे थे। वे जय विलास पैलेस में आयोजित डिनर में भी शामिल हुए थे और सिंधिया के साथ महाराजबाड़े पर आयोजित आमसभा को सम्बोधित करने भी गए थे। 



राहुल गांधी ने जयविलास में की थी मॉर्निंग वॉक



आज भले ही सिंधिया परिवार और नेहरू परिवार की राहें जुदा-जुदा हो लेकिन कुछ साल पहले जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तो राहुल गांधी को जयविलास पैलेस में मॉर्निंग वॉक कराने के लिए ले गए थे। बात अक्टूबर 2018 की है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों की घोषणा होने वाली थी तब राहुल गांधी ग्वालियर आए थे। वे पहले दतिया पहुंचे थे और वहां पीतांबरा पीठ पर पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने अचलेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान का जलाभिषेक किया था और फिर रोड शो किया था। रात को वे जयविलास परिसर में बने हॉल उषा किरण पैलेस में ठहरे थे और सुबह उन्होंने सिंधिया के साथ मॉर्निंग वॉक करते हुए पूरे जय विलास पैलेस परिसर का चक्कर लगाया था। इसके बाद राहुल ने जय विलास में ही नाश्ता किया और फिर सिंधिया ने वहां अपने संभागभर से आए समर्थकों को व्यक्तिगत तौर पर राहुल से मिलवाया था। इसके बाद हुए चुनाव में एमपी में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई लेकिन उसके बाद सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर से शिवराज सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी की सरकार की वापसी हो गई। वर्तमान में स्वयं सिंधिया मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं और नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। अब उनके बुलावे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर आ रहे हैं जो 16 अक्टूबर को जय विलास पैलेस भी जाएंगे। 


Home Minister Amit Shah गृह मंत्री अमित शाह सरदार वल्लभ भाई पटेल Amit Shah Gwalior Visit अमित शाह का ग्वालियर दौरा Amit Shah guest of Jyotiraditya Scindia Shah will visit Jai Vilas Palace sardar Vallabh bhai Patel ज्योतिरादित्य सिंधिया के शाही मेहमान बनेंगे अमित शाह