भोपाल. यहां मानसरोवर मेडिकल कॉलेज, श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद, मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय एवं यंग थिंकर्स फोरम ने राष्ट्रीय युवा दिवस (विवेकानंद जयंती) का आयोजन किया गया। इसमें स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान पर चर्चा हुई। मुख्य वक्ता स्वामी वेदतत्वानंदपुरी (कृष्ण मिशन के सक्रिय प्रचारक और 5 भाषाओं के ज्ञाता) थे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई।
कार्यक्रम में ये हुआ: स्वामी वेदतत्वानंदपुरी ने धर्म और दर्शन की व्यावहारिक व्याख्या की। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य मूल समस्याओं को पहचानना है। मैं कौन हूं, ये जानने के बाद जन्म-जन्मांतर की व्यवस्था के लिए धर्म से जुड़ना जरूरी हो जाता है। धर्म ऐसा जो सत्य पर आधारित हो और जिसमें जीवनशैली को सुधारने की क्षमता हो। इसके लिए ऐसी ही संस्कृति अपनानी चाहिए, जो मानव मूल्यों के साथ-साथ जीवनशैली को बेहतर बनाने पर जोर दे।
कार्यक्रम में ये मौजूद रहे: मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय की फैकल्टी आयुर्वेद के प्राचार्य बाबुल ताम्रकार, मानसरोवर आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग सिंह राजपूत, श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च एंड मेडिसिन के प्राचार्य डॉ. भारत चौरागड़े मौजूद रहे। कार्यक्रम स्वामी वेदतत्वानंदपुरी और उनकी टीम को शॉल-श्रीफल और बिल्व पौधा देकर सम्मानित किया गया।