BHOPAL: शिवराज का वादा था- पुलिस में अग्निवीरों को प्राथमिकता; सच- पूर्वसैनिक के लिए 10% पद रिजर्व, अब तक 6 की ही भर्ती हुई

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
BHOPAL: शिवराज का वादा था- पुलिस में अग्निवीरों को प्राथमिकता; सच- पूर्वसैनिक के लिए 10% पद रिजर्व, अब तक 6 की ही भर्ती हुई

BHOPAL: अग्निपथ स्कीम का देशभर में विरोध चल रहा है। मध्यप्रदेश में भी इस विरोध की आग जल रही है। ग्वालियर, इंदौर सहित कई शहरों में युवा वर्ग विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आए हैं। प्रदेश में विरोध का कारण यह भी है कि MP पुलिस में 6 हजार पदों की भर्ती में एक्स आर्मीमैन के 10% (601) पद रिजर्व है। अब तक 601 पदों में से भर्ती सिर्फ 6 ही लोगों की हुई है। इससे पहले CM शिवराज ने ऐलान किया था कि अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में  प्राथमिकता दी जाएगी। 



वीडियो देखें





8 जनवरी 2022 से 17 फरवरी 2022 के बीच MP में पुलिस आरक्षक भर्ती-2020 के लिए ऑनलाइन एग्जाम हुआ। परीक्षा 6 हजार पदों के लिए होनी थी। 30 हजार छात्रों में से 3 हजार एक्-सआर्मीमैन की परीक्षा हुई। 601 में से सिर्फ 6 ही सैनिकों का सिलेक्शन हुआ। यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा और 29 अप्रैल 2022 को लंबी बहस हुई। एडवोकेट एनएस रूपराह ने बताया कोर्ट ने इस भर्ती परीक्षा को इस पिटीशन के फैसले के अंडर रखा था। मामले में कोर्ट ने नोटिस देकर जवाब मांगा। वर्दी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने भी पिटीशन दायर की है।



योजना के सफल होने पर आशंका



वर्दी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने योजना के सफल होने पर आशंका जताई। योजना के अनुसार 25% ही सिलेक्ट किए जाएंगे और 75% बाहर कर दिए जाएंगे। इस योजना से बेरोजगारी बढ़ने का अंदेशा भी जताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आर्म्ड फोर्सेस की एफिशिएंसी पर फर्क पड़ेगा। यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक भर्ती के नियमों का पालन नहीं होता। 10% एक्स आर्मीमैन के आरक्षण होने बाद भी सारी भर्तियां नहीं होती। ऐसे में सरकार से अग्निपथ योजना के सभी लाभ मिलने पर भरोसा कैसे किया जा सकता है?



छह महीने तो ट्रेनिंग में ही निकल जाएंगे



श्याम श्रीवास्तव ये भी कहते हैं कि चार साल में से 6 महीने ट्रेनिंग में निकल जाएंगे। ट्रेनिंग के बाद सैनिक जिस रेजिमेंट में जाएगा तो उसे इन्फेंट्री, सिग्नल या अपने आर्म की विशेष ट्रेनिंग अलग से लेनी पड़ेगी। उपकरणों की अच्छी जानकारी भी होनी चाहिए। वह सैनिक एयरफोर्स में पायलट तो बनेगा नहीं, वह ग्राउंड्समैन या मैकेनिक ही बनेगा। चार साल में वह सैनिक क्या ही सीख पाएगा? जानकारी की कमी के चलते उस सैनिक को प्लेन को हाथ लगाने नहीं दिया जाएगा। अगर आपको इन्फेंट्री आरटी, ऑर्म्ड या आर्मी की किसी भी विंग में उपकरणों की देखभाल नहीं कर सकते, वहां भी आप काम नहीं आएंगे।


भर्ती Bhopal सैनिक भारतीय सेना sepoy अग्निपथ योजना Agnipath scheme Madhyapradesh police Indian Army Recruitment मध्यप्रदेश पुलिस भोपाल