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Jabalpur. क्रिश्चियन समाज की धार्मिक संस्थाओं का खुद ब खुद स्वयंभू बनकर करोड़ों की हेराफेरी करने के आरोपी बिशप पीसी सिंह को अब जेल जाने के नाम से ही डर लगने लगा है। तभी तो ईओडब्ल्यू को दी गई रिमांड की अवधि खत्म होने के 24 घंटे पहले ही पीसी सिंह के वकील ने विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर की। हालांकि विशेष अदालत ने आरोपी के रिमांड पर होने के चलते याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि बिशप पीसी सिंह को 4 दिन की रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था जो शुक्रवार शाम तक लागू रहेगी। शुक्रवार शाम को ईओडब्ल्यू पुनः आरोपी बिशप पीसी सिंह को अदालत में पेश करेगा।
नागपुर से किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि जबलपुर में ईओडब्ल्यू की दबिश में बिशप पीसी सिंह के घर से करोड़ो रुपए नगद, विदेशी मुद्रा और जेवरात समेत काफी संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए थे। जिसके बाद ईओडब्ल्यू को बिशप की तलाश थी, बताया जा रहा था कि कार्रवाई के दौरान बिशप पीसी सिंह जर्मनी में था। जानकारी के मुताबिक बिशप पीसी सिंह ने जबलपुर लौटने के लिए दिल्ली पहुंचकर सीधे जबलपुर आने के बजाय बंगलुरू होते हुए नागपुर की फ्लाइट पकड़ी थी। जहां सीआईएसएफ की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिशप पीसी सिंह ने पूछताछ में सौ से ज्यादा बैंक अकाउंट और करोड़ों रुपयों की एफडी होने की बात भी ईओडब्ल्यू को बताई थी। वहीं मामले की शिकायत की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने जिस आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। उससे संबंधित सवाल पूछताछ में किए गए।
रिमांड के दौरान क्यों लगाई जमानत अर्जी
विधि विशेषज्ञों को भी यह बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर जमानत अर्जी लगाने के लिए बिशप के वकीलों ने रिमांड अवधि खत्म होने का इंतजार क्यों नहीं किया? विधि विशेषज्ञों का मानना है कि आखिर 24 घंटे बाद ही तो ईओडब्ल्यू बिशप को रिमांड खत्म होने के बाद अदालत में पेश कर देती। उस वक्त वकील जमानत अर्जी दाखिल कर भी देते तो यह बात साधारण होती। वहीं ईओडब्ल्यू को पूछताछ में क्या-क्या हाथ लगा है यह भी इस केस में दिलचस्प होगा।