Jabalpur. ईओडब्ल्यू के शिकंजे में बुरी तरह फंसे बिशप पी सी सिंह के एक के बाद एक कारनामे उजागर हो रहे हैं। धर्मार्थ संस्था के नाम पर किए जा रहे घपले को परत दर परत खोलने के लिए ईओडब्ल्यू ने अब कटनी के वाडस्ले स्कूल के प्राचार्य अतुल इब्राहिम और दमोह मिशन स्कूल के प्राचार्य को तलब किया। कई घंटे तक चली पूछताछ में प्राचार्यों ने बताया कि हर साल उनके स्कूलों से बिशप 5 से 15 लाख रुपए की उगाही करता था। यह रकम किसलिए ली जाती थी यह पूछने का अधिकार किसी के पास नहीं था। इसके अलावा बिशप के इशारे पर लोगों को नौकरी पर रखने और निकालने का भी नेक्सस चल रहा था।
स्कूलों की रसीदें हुईं जब्त
ईओडब्ल्यू की टीम अब तक 7 स्कूलों की जांच कर चुकी है। इसमें जबलपुर स्थित क्राइस्ट चर्च स्कूल, दमोह और कटनी के भी स्कूल शामिल हैं। जांच के दौरान स्कूलों से रसीदें भी जब्त की गई हैं जिनके मार्फत बिशप को रकम दी जाती थी। रसीदों का आंकलन करने के बाद यह भी पता चल सकेगा कि अब तक स्कूलों से बिशप कितनी राशि ले चुका था।
जांच पड़ताल में ईओडब्ल्यू को यह भी पता चला है कि बिशप पीसी सिंह हर साल मनचाहे समय पर फरमान जारी करता था। यह फरमान उसके खास सुरेश जैकब द्वारा किया जाता था। जिसमें किस स्कूल से कितनी रकम लेना है इस बात का जिक्र होता था। कई बार यह रकम बाउचर में बिशप को भेजी जाती थी तो कई बार बैंक अकाउंट में यह राशि ट्रांसफर कराई जाती थी। इधर ईओडब्ल्यू इस बात का भी पता लगा रही है कि सुरेश जैकब ने किस स्कूल से कितनी राशि ली और उसे कहां भेजा था।