Sehore. आज शिक्षक दिवस है। जीवन में झान का दीपक जलाने वाले शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का दिन। कुछ ऐसा ही कार्य सीहोर जिले के सरकारी स्कूल में तैनात नेत्रहीन शिक्षक हरिओम जैमिनी कर रहे हैं। भले ही वे नेत्रहीन हों लेकिन हजारों बच्चों के जीवन में रोशन बिखेरने का कार्य कर रहे हैं। सीहोर के ग्राम सिंहपुर प्राथमिक शासकीय स्कूल में नेत्रहीन शिक्षक हरिओम जैमिनी पिछले 21 वर्षों से पदस्थ हैं। हरिओम जैमिनी जन्म से नेत्रहीन हैं और शिक्षक के रूप में बच्चों को शिक्षा की रोशनी दिखा रहे हैं। बच्चों को बिना ब्रेल लिपि की मदद से सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं। हरिओम जैमिनी हर विषय को बहुत आसानी से पढ़ा लेते हैं। जैमिनी नेत्रहीन होने के बावजूद भी बच्चों को अत्यंत शिद्दत से पढ़ाते हैं।
बच्चों के जीवन में उजाला भर रहे
सिंहपुर प्राथमिक शासकीय स्कूल के छात्र हर साल पांचवीं बोर्ड में 80-90 फीसद तक अंक लाते हैं। हरिओम जैमिनी ने बताया कि शुरूआत से ही घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी ऐसे में माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई ब्लाइंड स्कूल में की 12वीं की पढ़ाई को एक एनजीओ की मदद से छात्रावास में रहते हुए भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय से पूरा किया। जैमिनी का शुरु से ही शिक्षक बनने का सपना था। राजनीतिक विज्ञान से एमए करने के बाद विज्ञान के कोटे में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर नौकरी हासिल की। शिक्षक हरिओम के स्कूल में पहली से आठ वित्त तक करीब 150 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं और माध्यमिक में 120 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल आने के लिए रोजाना हरिओम जैमिनी 18 किलोमीटर दूर का सफर बस से करते हैं एक ऑटो चालक बस से उतरने और चढ़ने में मदद करता है घर पर किसी का सहारा लिए बिना खुद ही अपना काम करते हैं हरिओम आज खुद अंधेरे में हैं लेकिन स्कूली बच्चों के जीवन में उजाला भरने का काम कर रहे हैं।