विरोध के पीले चावल: मेडिकल कॉलेजों में ब्यूरोक्रेट्स नहीं चाहिए, सागर से आई यह चिट्ठी विरोध का नया तरीका है

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Pooja Kumari
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विरोध के पीले चावल: मेडिकल कॉलेजों में ब्यूरोक्रेट्स नहीं चाहिए, सागर से आई यह चिट्ठी विरोध का नया तरीका है

सागर. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में डीन पद (Dean Posts) पर डॉक्टर्स की जगह डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) स्तर के अधिकारी को सौंपने के विरोध में बीएमसी (BMC) के डॉक्टर (Doctor), एमटीए सहित तमाम संगठन विरोध कर रहे हैं। सागर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. सर्वेश जैन (Dr. Sarvesh Jain) ने एक पत्र लिखा है, जो इस समय चर्चाओं में है। सागर से आई यह चिट्ठी विरोध का नया तरीका है। जिसमें सरकार का विरोध भी है और रचनात्मकता तो है ही। 



डॉ. सर्वेश जैन ने पत्र में ये लिखा : आधुनिक भारत के निर्माण में आपने डायवर्सन, बंटवारा, नामांतरण, रजिस्ट्री एवं नक्शा पास करके जो योगदान दिया है उसके लिये हम आपका दिनांक 05/01/2022 को सांय 04:00 बजे बस स्टैंड चौराहा, सागर पर गुलाब पुष्प देकर धन्यवाद प्रेषित करना चाहते हैं ।



अतः आप सभी से निवेदन है कि आप सभी इस सम्मान समारोह एवं पुष्प अर्पण समारोह में पधारने का कष्ट करें, पीले चावल भेज रहे हैं । चूंकि वरिष्ठ नागरिक समाज की धरोहर होते हैं अतः दिनांक 05/01/2022 को सांय 04:00 बजे बस स्टैंड चौराहा, सागर पर आयोजित इस सम्मान समारोह एवं पुष्प अर्पण समारोह का नेतृत्व सागर के 70 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके वरिष्ठ नागरिक करेंगे, बाकी हम लोग पीछे रहेंगे । इस अवसर पर उन सभी वीरों का भी सम्मान होगा जो डायवर्सन, बंटवारा, नामांतरण, रजिस्ट्री एवं नक्शा पास बिना रिश्वत दिये करवा पाये । कार्यक्रम पर स्वल्पाहार रहेगा।



सरकार के फैसले का लंबे समय से विरोध हो रहा : मेडिकल कॉलेजों में एडीएम स्तर के अधिकारी को बतौर प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त करने के निर्णय को लेकर विरोध कई दिनों से चल रहा है। सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) और सीनियर, जूनियर व इंटर्न डॉक्टर भी इसका विरोध कर रहे हैं। 



इससे पहले एमटीए अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन ने कहा था कि सरकार मेडिकल कॉलेजों में डिप्टी कलेक्टर को डीन के ऊपर बैठाने जा रही है। लेकिन उन्हें बता दें कि ये शिक्षा संस्थान है। यहां राजस्व की वसूली नहीं होती है। हमें डिप्टी कलेक्टर की जरूरत नहीं है। इन लोगों को सहेज कर रखें। शिक्षा और शोध के मामलों में दखलदांजी न करें। देश में कई प्रयोग होते रहते हैं। लेकिन शिक्षा और शोध में इस प्रकार के प्रयोग न किए जाएंगे। हमें एडीएम स्तर के प्रशासनिक अधिकारी की जरूरत नहीं हैं।


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