खंडवा के लिए खास स्ट्रैटजी: BJP का OBC कार्ड तो कांग्रेस का Gen पर दांव

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खंडवा के लिए खास स्ट्रैटजी: BJP का OBC कार्ड तो कांग्रेस का Gen पर दांव

भोपाल. मध्य प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। खंडवा सीट पर सबकी नजर है। ये सीट बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी। अब बीजेपी फिर से अपनी सीट पाना चाहती है, वहीं कांग्रेस भी इसमें सेंध लगाने की तैयारी कर रही है। BJP ने यहां से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को चुनाव मैदान में उतारकर OBC कार्ड खेला है। इसे यहां की 26% OBC आबादी को साधने की रणनीति माना जा रहा है। कांग्रेस ने इसके उलट सामान्य वर्ग (Genaral) के राजनारायण सिंह पुरनी पर दांव लगाया। यहां सामान्य वर्ग की आबादी 20% है।

खंडवा में 19लाख+ वोटर, OBC 5 लाख

BJP ने खंडवा लोकसभा सीट पर 25 साल बाद OBC चेहरा दिया है। इसकी एक वजह यह भी है कि इस संसदीय क्षेत्र में 19 लाख 68 हजार वोटर हैं है। इसमें से OBC 5 लाख 16 हजार हैं, जबकि समान्य वर्ग के मतदाता 4 लाख से कम हैं। जातीय समीकरण के गणित से देखें तो SC-ST वर्ग के वोटर सबसे ज्यादा 7 लाख 68 हजार हैं। इस लोकसभा सीट पर आठ में से 3 विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं।

22 साल बाद चुनाव लड़ रहे राजनारायण

इस सीट पर कांग्रेस से उम्मीदवार मांधाता से 3 बार MLA रहे राजनारायण सिंह पुरनी (69) करीब 22 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस में अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह की सरकार में विधायक रहे राजनारायण की पहली बार संसदीय राजनीति में एंट्री हुई है। 2019 के मांधाता उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके बेटे उत्तमपाल सिंह को ही टिकट दिया था, लेकिन उत्तमपाल को BJP के नारायण पटेल से 22 हजार वोटों से हार मिली। कांग्रेस से सिर्फ अरुण यादव ने 2009 में चुनाव जीता था। उनसे पहले 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के महेंद्र सिंह जीते थे। यानी 1996 के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो BJP से नंदकुमार सिंह ही चुनाव जीतते आ रहे थे।

बीजेपी का 8 और कांग्रेस का 7 बार रहा कब्जा

1962 से अब तक हुए 15 चुनाव में इस सीट पर 8 बार BJP और BLD और 7 बार कांग्रेस का कब्जा रहा। नंदकुमार सिंह चौहान और अरुण यादव के बीच तीन बार मुकाबला हुआ। इनमें दो बार अरुण यादव को हार का सामना करना पड़ा। दिवंगत सांसद चौहान 6 बार खंडवा लोकसभा का प्रतिनिधित्व (Represent) कर चुके हैं। नंदकुमार सिंह चौहान और अरुण यादव के बीच 3 बार मुकाबला हुआ। दो बार अरुण को हार का सामना करना पड़ा। दिवंगत सांसद चौहान 6 बार खंडवा लोकसभा को Represent प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नंदकुमार की कोरोना से मौत हो गई थी। 

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